मारीशस के पूर्व उप राष्ट्रपति गाजीपुर में

गाजीपुर(उत्तर प्रदेश),16 मार्च 2018 ।मारीशस के पूर्व उपराष्ट्रपति अब्दुल रऊफ वन्धुन अपने पैतृक गाँव में अपने पैतृक घर पर गाँव एवं परिवार के लोगों से अपने भॊजपुरिया भाषा में कहा कि दु घंटा चललापर त अपन गाँव नवली पहुंचनी ह, जेकर कुल दूरी बाइस किमी बा, लेकिन सड़क क स्थिति ठीक नईखे औरी विकास खातिर सडक बहुत जरूरी हऊवे।उन्होंने गाँव के वर्तमान प्रधान से कहा कि काहो प्रधान जी का हाल बा, विकास चपले हऊवा न।उन्होंने परिवार के सभी सदस्यों से भॊजपुरिया अंदाज में बात किया। उल्लेखनीय है कि मारीशस के पूर्व उपराष्ट्रपति अब्दुल रऊफ वन्धन के अपने चार दिवसीय प्रवास के दूसरे दिन वृृहस्पतिवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अपने पत्नी आशमा बेबी व पुत्र जैद संग अपने पैतृक गांव नवली पहुचने पर ग्रामीणों व परिजनों द्वारा हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया गया। उनके आगमन को देखते हुए सुरक्षा के मद्देनजर पूूरा कार्यक्रम गोपनीय रखा गया था। सुबह जैसे ही ग्रामीणों को इसकी जानकारी हुई, लोग खुशी से झूम उठे। उनके स्वागत को लेकर जहां लोग तरह-तरह की तैयारियां कर रहे थे वही इंद्र देवता भी पूर्व उपराष्ट्रपति के स्वागत को लेकर मेहरबान दिखे और उनके आगमन से पूर्व ही बूदां बादी शुरू कर दी। परिजनों से वार्ता के दौरान ही अजान शुरू होते ही वे वार्ता रोक दिया। बाद में मस्जिद के मौलाना द्वारा उनकी लंम्बी उम्र व देश के सभी वर्गों के लिए खुदा से अमन चैन शान्ति की दुआ की गयी।

उन्होंने कहा कि यह सौभाग्य है कि मुझे आज अपने पैतृक गाँव आने का मौका मिला जो मेरे व मेरे परिवार के लिए एक अविस्मरणीय क्षण है। इसे मै शब्दों में बयां नहीं कर सकता। देर शाम उनका काफिला रात्रिकालीन विश्राम के गाजीपुर डाक बंगले के लिए चला गया। आज शुुुक्रवार को वे फिर अपने पैतृक गाँव के शाही मस्जिद में जुम्मे की नमाज अदा करेगें और उसके बाद शनिवार को गाजीपुर अपने नाती अजहर की शादी जो 17 मार्च को गाजीपुर में आयोजित है उसमें शरीक होने के उपरांत वह अपने पत्नी व पुत्रों संग मारीशस के लिए रवाना हो जायेंगे।

उन्होंने लोगों को संम्बोधित करते लोगों से एक बार मारीशस आने का दिया न्योता। उन्होंने सडक को लेकर अपना दर्द बयां किया।कहा कि एक दिन भारत चाईना से हर क्षेत्र में आगे होगा। भारत एक बहुत बडा मुल्क है इंसा अल्लाह से दुआ करता हूं कि देश हमेशा प्रगति करे व यहाँ निवास करने वाले लोग हमेशा खुश रहे । एक न एक दिन भारत विश्व की महाशक्ति जरूर बनेगा ।कहा कि मारीशस व भारत की संस्कृति एक समान है,उन्होंने कहा कि मारीशस में 70% आबादी भारत के लोग निवास करते हैं । वहां की चिकित्सा एवं शिक्षा वहां बिल्कुल मुफ्त दी जाती है उन्होंने कहा कि हमारे मुल्क के लोग अभी भी बड़े-बड़े पदों पर आसीन है पहली दफा जब हमारे मुल्क के लोग 1835 में 4 लाख 30 हजार लोग जब मारीशस कलकत्ता होते हुये नाव से पहुंचे थे। वहाँ वे अथक परिश्रम कर गुजर बशर करते हुए अपना मुकाम बनाया। उन्होंने प्रधानमंत्री के शाईनिंग इण्डिया की सराहना करते हुए वित्त मन्त्री अरूण जेटली के बजट को भी साहसिक बताया। उन्होनें अपने पैतृक गाँव के लोगों से भॊजपुरिया अंदाज में बात कर लोगों का दिल जीत लिया। बताया कि तकनीकी युग में आगे बढ़ने के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। मारीशस की कुल आबादी 12 लाख है जहाँ 70 प्रतिशत भारतीय है और 95 प्रतिशत लोग शिक्षित हैं। ज्ञातव्य है कि अब्दुल रउफ बन्धुन का जन्म 1सितम्बर 1937 में मॉरीशस में हुआ था और वह 2002 से 2007 तक मारिशस के उपराष्ट्रपति रहे। वे 25 फरवरी 2002 को मॉरीशस की नेशनल असेंबली से पांच साल की अवधि के लिए चुने गये। इससे पूर्व वे फ्रांस में मॉरीशस के राजदूत थे। वह मॉरीशस की नेशनल असेंबली के 1967 से 1976 और 1992 से 2000 तक दो बार सदस्य रहे हैं । उनके दादा बुन्धुं और दादी राजबासीय 1866 मेंं मॉरीशस आए थे और वहीं बस गए। 2010 में उनकी जीवनी ऑन द विंग्स ऑफ़ डेस्टीन: ए राउफ बन्धुन, भिस्म देव सैबलक द्वारा लिखी गई है।

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