धनुष आर्टिलरी गन ! पहली खेप  सेना के हवाले

जबलपुर(राजस्थान),08अप्रैल 2019।जबलपुर की स्थानीय गन कैरेज फैक्टरी (जीसीएफ) में निर्मित पहली आर्टिलरी गन ‘धनुष’ को आज भारतीय सेना के में शामिल कर लिया गया। फैक्ट्री में आयोजित समारोह में
केन्द्र सरकार के रक्षा सचिव, उत्पादन डा. अजय कुमार के मुख्य अतिथि के रुप में मौजूद रहे। समारोह में आयुध निर्माणी बोर्ड के अध्यक्ष तथा महानिदेशक सौरभ कुमार, आर्टिलरी स्कूल के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल आर. एस. सलारिया, मेजर जनरल मनमीत सिंह, आयुध बोर्ड के सदस्य हरिमोहन की उपस्थिति में भारतीय सेना के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल पी.के. श्रीवास्तव को धनुष आर्टिलरी गन की पहली खेप के रूप में छह धनुष गन सुपुर्द की गई।
केन्द्र सरकार के रक्षा सचिव, उत्पादन डा. अजय कुमार और आयुध निर्माणी बोर्ड के अध्यक्ष सौरभ कुमार ने पत्रकारों को बताया कि धनुष 155 एमएम 45 कैलीबर की आधुनिक आर्टिलरी गन है। इस आर्टिलरी गन की मारक क्षमता 38 किलोमीटर तक है। इसमें 81 प्रतिशत पुर्जे स्वदेशी हैं और हमारा लक्ष्य है कि भविष्य में 91 प्रतिशत पुर्जे स्वदेशी हों। यह गन 13 सेकेंड में तीन फायर कर सकती है और इसका निशाना इतना अचूक है कि तीन फायर एक ठिकाने पर गिरेंगे। उन्होंने बताया कि 13 टन वजन की यह गन रात में भी अपने लक्ष्य पर निशाना लगा सकती है। कुमार ने कहा कि जीसीएफ के 115 वर्षों के इतिहास में यह सबसे उल्लेखनीय सफलता है।

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