अध्यादेश ! बालिका के दुष्कर्मी को सजाये मौत  

नई दिल्ली, 21 अप्रैल 2018 ।अवयस्क बालिकाओं पर दुष्कर्म की बढ़ रही अपराधिक घटनाओं पर प्रभावी कदम उठाते हुए केन्द्र सरकार ने आज सख्त कदम उठा लिया।केन्द्रीय मंत्रिमंडल की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई बैठक में अध्यादेश लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।इसके तहद बारह वर्ष उम्र तक की बालिका से रेप के दोषियों को मौत की सजा देने के प्राविधान प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। शनिवार को प्रधानमंत्री आवास पर केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। कैबिनेट की बैठक में ‘प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंस’ यानी POCSO एक्ट में संशोधन को मंजूरी मिलने से 12 साल से कम उम्र की 12 वर्ष उम्र की बालिकाओं के साथ दुष्कर्म के दोषियों को न्यूनतम 20 साल की सजा या फांसी देने के प्रावधान वाला आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश लाने का फैसला किया है।सूत्रों के अनुसार अध्यादेश में प्रावधान किया गया है कि सोलह वर्ष से कम उम्र की किशोरी के साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों को अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी। महिला के साथ बलात्कार की अवस्था में कैद की सजा 7 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष किया गया है, इसे बढ़ाकर उम्र कैद किया जा सकता है। इसके साथ ही 16 वर्ष से कम आयु की किशोरी से बलात्कार के दोषियों को न्यूनतम सजा को 10 वर्ष कारावास से बढ़ाकर 20 वर्ष कारावास किया गया है जिसे बढ़ा कर उम्र कैद किया जा सकता है।
इस अध्यादेश में बलात्कार के मामलों में जांच दो महीने में ही पूरी करनी होगी तथा सुनवाई भी दो माह में पूरा करने का प्रावधान किया गया है। फैसले के खिलाफ अपील की सुनवाई 6 महीने में पूरी करनी होगी।
इससे पूर्व महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा था कि वो कठुआ और हाल में हुई दूसरी बलात्कार की घटनाओं से बहुत दुखी हैं और उनका मंत्रालय बहुत जल्द ही पॉक्सो एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट के सामने पेश करेगा।कैबिनेट की बैठक के एक दिन पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका के जवाब में एक पत्र देकर कहा था कि वह POCSO एक्ट में संशोधन करने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है, जिसके तहत 12 साल से कम की बच्चियों के साथ बलात्कार के लिए फांसी की सजा का प्रावधान होगा।

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