इंटरनेट और सर्च इंजन

गाजीपुर (उत्तर प्रदेश), 22 अप्रैल 2018 ।

सर्च इंजन वह तकनीक है जिसके सहयोग से इंटरनेट पर किसी भी जानकारी को खोजा जा सकता है। सर्च इंजन के रुप में google का सर्वाधिक उपयोग हो रहा है। यहां अंग्रेजी के साथ साथ हिन्दी या अन्य भाषाओं में भी सर्च किया जा सकता है। इसके लिए जो सर्च करना हो, उसे उसी भाषा में लिखकर ‘google search’ बटन को दबाना होगा । ऐसा करने से उसका URL आ जायेगा।
कुछ प्रमुख वेब सर्च इंजन

—-

गूगल ,

याहू

,

बिंग

आप जानते हैं कि दुनिया का पहला सर्च इंजन आर्ची (Archie Query Form), इसे 10 सितम्बर 1990 यानि गूगल से 6 साल पहले ही Alan Emtage द्वारा तैयार किया गया था। Alan Emtage का जन्म 27 नवम्बर 1964 को हुआ था ये Mc Gill University, Montreal- क्यूबेक (कनाडा) के छात्र थे, जिन्होनें McGill University से कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स डिग्री प्राप्त की।अपनी शिक्षा के दौरान ही Emtage इंटरनेट लिंक पर काम कर रही एक टीम में सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पर सम्मिलित हुए।वहां कार्य करते हुए Emtage ने यह उपलब्धि प्राप्त की। उनकी तर्ज पर ही आगे चलकर याहू, गूगल अस्तित्व में अाये थे।आर्ची Pre-Web Internet Search Engine था, जिसमें public archives को index किया गया था। इसे Pre-Web Internet Search Engine इसलिये कहते हैंं क्योंकि यह वर्ल्ड वाइड वेब (World Wide Web) से भी पहले बनाया गया था, WWW यानि वर्ल्ड वाइड वेब 1991 में अस्तित्व में आया था।
वास्तव में सर्च इंजन software programme है जिन्हें Spiders, bots या crawlers कहते हैं।
यह ऑनलाइन मौजूद webpages की जानकारी एकत्र करते हैं और जब हम कोई search करते हैं तो उस सर्च से सम्बंधित ढेर सारी जानकारी एकत्र कर सही ढ़ग से सूचीबद्ध करते हैं और माँगे जाने पर user को results के रूप में display करते हैंं। हम जब भी Google के search box में कुछ type करते हैं तो कुछ ही सेकंड के अंदर हमारे पास बहुत सारे results आ जाते हैं। इस समय Google का सर्च इंजन सर्वाधिक लोकप्रिय है क्योंकि Google ने अपने software programme को बहुत ही अच्छी तरह तैयार किया है ताकि users तक अच्छे वास्तविक परिणाम शीघ्र पहुचाये जा सकें।
वास्तव में google नार्मल वेबसाइट ही है जो 1996 में लांच हुुआ था, इसका Domain Name – www.google.com है। Google इंटरनेट की सर्वाधिक लोकप्रिय सेवा प्रदाता कम्पनी है। Google के 5 वर्ष पूर्व तक इंटरनेट पर सर्च करना काफी मुुश्किल था, क्योंकि यदि खोज पर जानकारी नहीं मिल पायी तो इंटरनेट होने का क्या लाभ होगा। Google से पहले कई कंपनियों ने search को आसान बनाने की कोशिश की उनमे Yahoo और Excite मुख्य थे। पर ये भी अच्छा परिणाम नहीं दे पा रहे

थे।

आरम्भिक समय में Yahoo ने जो search engine बनाया। वह जानकारी और वेबसाइट को हाथों से लिंक करते थे, जिसमें काफी समय लगता था। इसके बाद Excite नामक कंपनी आयी और इसने जो तकनीकी विकसित की थी वह याहू से काफी अलग और एडवांस थी। यहां websites और webpages को हाथों से लिंक नहीं किया जाता था बल्कि इसके लिए Excite ने सॉफ्टवेयर विकसित किया था। जब कोई Excite से search करता था तो यह सॉफ्टवेयर उन्ही साइट को show करता था जिनमें यह keyword मौजूद हो। यह उस सर्च की शुरुआत थी जिस का प्रयोग हम आज करते

हैं।

उपरोक्त समस्या के समाधान के लिए Larry Page और Sergey Brin ने google को बनाया। Google अंग्रेज़ी के शब्द “गूगोल” से बना है, जिसका मतलब है− वह नंबर जिसमें एक के बाद सौ शून्य हों। इन दोनों ने Google की शुरुआत 1996 में एक रिसर्च के दौरान की। उस वक्त ये दोनों स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय, कैलिफ़ोर्निया में पीएचडी कर रहे थे। इन्हें “Google गाइस” के नाम से भी जाना जाता है। Larry Page और Sergey Brin ने पढ़ाई के दौरान ही इंटरनेट की कमी को महसुस किया कि इंटरनेट पर कुछ भी सर्च करने के लिए घंटो मेहनत करनी पड़ती है और परिणाम भी उचित नहीं मिल पाता था। इन्होने मिलकर ऐसे search engine को बनाया जो कि वेबसाइट की quality के हिसाब से वेबसाइट को पहले show करे।। Larry Page और Sergey Brin का मानना था कि इंटरनेट पर मौजूद कोई भी पेज आपनी quality खुद बता देता है। उनके अनुसार जो वेबसाइट ज्यादा अच्छी information देती है उसे search result में सबसे ऊपर रखा जाये। यदि किसी webpage का लिंक दूसरी वेबसाइट पर भी है तो वह एक अच्छी इनफार्मेशन देती होगी। इस तकनीक को उन्होंने पेजरैंक (Page Rank) का नाम दिया।
जब आरम्भिक दिनों में Google लोकप्रिय नहीं हुआ तो इन दोनों में निराशा आ गयी, उन्होंने सोचा कि google की वजह से इनकी पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है। इसी कारण इन्होंने google फार्मूले को Excite कंपनी को बेचना चाहा, जहां कंपनी ने इस ऑफर को ठुकरा दिया। कई कंपनियों के मना करने के बाद इन्होंने Andy Bechtolsheim नाम के investor को अपना प्रोजेक्ट बताया। Andy उस प्रोजेक्ट से बहुत प्रभावित हुआ और तुरंत 1 लाख डॉलर का चेक दोनों को दिया। इसके बाद कुछ और investor ने इसमें अपने पैसे लगाये। अन्त में चार सितम्बर 1998 में google को एक कम्पनी के रूप में स्थापित किया गया। अपने Page Rank फार्मूले के साथ गुगल काफी लोकप्रिय हो गया पर एक समस्या अब भी थी कि गुगल अपनी कमाई कैसे करें? इसके लिए Google ने बीच का रास्ता निकाला और उन्होंने ये जाना कि जब कोई google पर कुछ सर्च करता है तो वह उसी keyword का कस्टमर भी हो सकता है। जैसे आपने सर्च किया “hindi music” तो जाहिर सी बात है आप music के शौकीन होंगे। Google ने इसी बात का फायदा उठा कर keyword के आधार पर विज्ञापन दिखाएं। अब यूज़र जिस keyword को google पर सर्च करता था उसी से रिलेटेड विज्ञापन उसे दिखाए जाने लगे। जिससे यूज़र को रिजल्ट के साथ-साथ उसके प्रोडक्ट भी खरीदे। Keyword से यूजर का दिमाग में पढ़ सकते थे कि उसके दिमाग में क्या चल रहा है। इस फार्मूले से google ने कितनी कमाई की कि वह विश्व में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली वेबसाइट बन गई।
इसके बाद गूगल ने Google Adword लांच किया जिसमें गूगल से ad करवाने वाले आसानी से आ सके। आपने देखा होगा कि google search करने पर विज्ञापन अलग और रिजल्ट अलग आते हैं। अगर आप google विज्ञापन को नहीं देखना चाहते हैं तो आप इसे ब्लॉक भी कर सकते हैं। इस टेक्निक से इंटरनेट यूजर को कोई परेशानी नहीं आई और google अपने ब्रांड को और लोकप्रिय बना दिया गया।इसके उपरांत कई सर्च इंजन लोकप्रियता की ओर बढ़े जिसमें मैगलन (Magellan), एक्साईट ( Excite), इन्फोसीक (Infoseek), इन्क्तोमी (Inktomi ), उत्तरी लाइट ( Northern Light ) और
अल्ताविस्ता ( AltaVista) शामिल हैं। लोगों के लिए Yahoo! रुचिपूर्ण वेब पन्नों को ढूढने का लोकप्रिय मार्ग था परन्तु इसके खोज कार्य के लिए वेब के पूरे पाठ की अपेक्षा वेब निर्देशिका (web directory) का ही संचालन करती थी। करीब वर्ष २००० में गूगल खोज इंजन (Google search engine) ने अपने परिवर्तनों के बल पर ,अनेक खोजों तथा पृष्ठ श्रेणी (PageRank) जैसे नवीन प्रयास के आह्वान से कंपनी ने बेहतर परिणाम पाया।

वर्ष

२००० तक याहू ने इन्क्तोमी ( Inktomi ) खोज इंजन पर आधारित खोज सेवाओं को प्रदान करने लगा था। याहू ने वर्ष २००० में इन्क्तोमी ( Inktomi ) को प्राप्त किया और जिसने ओलदवेब ( AlltheWeb) और अल्ताविस्ता ( AltaVista) को ख़रीदा। २००४ तक Yahoo! गूगल खोज इंजन के साथ रहा, जब तक उसने सयुंक्त तकनीक पर आधारित अपना ख़ुद का खोज इंजन लॉन्च नही किया था। २००४ में, माइक्रोसॉफ्ट ने अपने ख़ुद के खोज तकनीक में अपने ख़ुद के वेब क्रोलर (web crawler) के आधार पर परिवर्तन करना आरम्भ किया जो एम्एसएनबोट (msnbot ) कहलाता है। २००७ के अंत तक, गूगल सभी लोकप्रिय वेब खोज इंजनों से काफी आगे निकल गया था।

नोट – इंटरनेट से सम्बन्धित जानकारी के लिए निम्नलिखित लिंक पर क्लिक करें —

http://www.mediacover.in/2018/03/इंटरनेट-का-स्वामी-कौन/

http://www.mediacover.in/2018/03/आश्चर्य-95-इंटरनेट-से-अनभिज/

संकलनकर्ता – रिपोर्टिंग — प्रकाश गुप्ता, सर्वेश कुमार एवं शिवम राय

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