निरंकार परमात्मा का सर्वश्रेष्ठ साकार स्वरूप है गुरु

गाज़ीपुर। संत निरंकारी सत्संग भवन बहरियाबाद पर रविवार को आयोजित सत्संग का शुभारंभ सम्पूर्ण हरदेव वाणी के काव्य पाठ से हुआ।               

         सत्संग में विचार व्यक्त करते हुए संत दुर्गा प्रसाद यादव ने कहा कि सतगुरु निरंकार परमात्मा का सर्वश्रेष्ठ साकार स्वरूप होता है। इसीलिए संतों व ग्रंथों ने सतगुरु को साक्षात् ब्रह्म बताया है। कहा कि ब्रह्मज्ञानी संत-महात्मा चलते-फिरते तीर्थ होते हैं। इनके दर्शन मात्र से ही हजारों पापों का नाश होता है। 

       अन्य वक्ताओं और भजन गायकों ने भी अपने विचारों व भजन प्रस्तुत किया। शाखा प्रमुख अमित सहाय, जयराम सिंह, डा. कमेन्द्र सिंह, श्यामप्यारी सिंह, लौजारी राम, शिवकुमार, श्यामा, निर्मला प्रजापति, अनीता आदि रहे। संचालन घूरन प्रसाद ने किया।

Views: 18

Leave a Reply