अमृत महोत्सव – स्वतन्त्रता सेनानियों से प्रेरणा लेकर राष्ट्र हित में समर्पण का किया आह्वान

गाजीपुर। आजादी के 75 वर्ष सफलतापूर्वक पूर्ण होने पर पूरा देश गर्व महसूस कर रहा है। इसके उपलक्ष्य में समूचे देश में अमृत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
    इसी क्रम में जनपद के जखनियां क्षेत्र में भी मास पर्यन्त चलने वाले अमृत महोत्सव का शुभारम्भ काशी से पधारे सामाजिक कार्यकर्ता मुनीश जी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
    इस अवसर पर वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के अमर बलिदान का पुण्य स्मरण करते हुए स्वतन्त्रता आंदोलन में उनके शौर्य और पराक्रम की चर्चा करते हुए उनसे सीख लेकर राष्ट्र हित में समर्पित रहने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
      कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में राष्ट्र के प्रति सर्वस्व न्यौछावर करने वाले सभी स्वतन्त्रता सेनानियों का नमन करते हुए भारतवर्ष के गौरवशाली अतीत को याद किया। उन्होंने कहा कि स्वतन्त्रता प्राप्ति के लिए देशवासियों ने लम्बा संघर्ष किया।स्वतन्त्रता कुछ गिने चुने लोगों के प्रयास से नहीं अपितु सम्पूर्ण देशवासियों के सामूहिक प्रयास का परिणाम है। स्वाधीनता आंदोलन का चरित्र राष्ट्र व्यापी था।वास्तव में आजादी के दीवानों ने जब मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व अर्पित किया तो उन्होंने केवल एक ही सपना देखा और वह स्वप्न स्वतंत्रता के पुनरुत्थान का था। राजनैतिक,आर्थिक, धार्मिक और सांस्कृतिक स्तर पर ब्रिटिश द्वारा दमन शोषण और यातना का लक्ष्य भारतीयों में स्वतंत्रता के प्रति आग्रह की समाप्ति था। भारत वर्ष चिर पुरातन और नित नूतन राष्ट्र है। जब देश के मन में स्वत्व की चेतना का संचार हुआ तो सम्पूर्ण राष्ट्र उठ खड़ा हुआ और देश स्वतन्त्र हुआ। स्वदेशी, स्वराज्य, स्वावलम्बन,सर्वोदय,स्वभाषा, स्वशिक्षा,स्वशासन की संकल्पना स्वतन्त्रता आंदोलन के प्रेरक तत्व के रूप में उभरकर दृष्टिगोचर हुई। अमृत महोत्सव के माध्यम से स्वाधीन भारत में पैदा पीढ़ी के अंदर राष्ट्रीयता के भाव का संचरण करते हुए महान अतीत और गौरवशाली संस्कृति पर गर्व का बोध करना है।       

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पत्रकार श्रीराम जायसवाल ने स्वामी सहजानंद सरस्वती का उल्लेख किया तथा परमवीरचक्र विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद और महावीरचक्र विजेता शहीद रामउग्रह पांडेय के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित किया। पी जी कालेज भुड़कुड़ा में अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष डॉ. सन्तोष कुमार मिश्र ने अपने सम्बोधन में सिद्धपीठ भुड़कुड़ा, हथियाराम और पलिवार मठ के योगदान और शहीद चन्द्रशेखर आजाद के इन मठों में निवास के बारे में चर्चा किया। पलिवार मठ के महन्थ स्वामी धनराज पुरी ने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया और जेल गए। स्वाधीनता के पश्चात उनको सरकार ने पहचानपत्र और पेंशन स्वीकृत किया। जखनियां क्षेत्र के स्वर्गीय हरिप्रसाद सिंह कप्तान नेताजी सुभाषचंद्र बोस के साथ स्वाधीनता के लिए आजाद हिंद फौज में भी कार्य किये थे।
     कार्यक्रम में मुख्य रूप से दुर्गा जी,अशोक चौहान, दयाशंकर सिंह,प्रशांत सिंह,राजेश भारद्वाज,अरविंद चौहान, अजीत मौर्य, ओमप्रकाश राम,वरिष्ठ अधिवक्ता योगेंद्र सिंह एवं विनोद गिरी सहित क्षेत्रीय गणमान्यजन उपस्थित रहे। सामूहिक वन्देमातरम् गायन के पश्चात कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।कार्यक्रम का संचालन शहीद इण्टर कालेज जखनियां के उपप्रधानाचार्य कैलाश वर्मा ने किया।

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