ग्रामीण विकास कार्यों में प्रधान व सचिव की मिली भगत से हो रही लूट

गाजीपुर (उत्तर प्रदेश),24 अप्रैल 2019। जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही सरकारी योजनाओं का पूर्ण लाभ पात्रों को नहीं मिल पा रहा है। गांव के चयनित जनप्रतिनिधियों और सरकारी कर्मचारियों की मिली भगत से सरकारी धन की खुले आम लूट मची है। विकास कार्यों हेतु धन का उपयोग जन सामान्य को लाभान्वित करने के स्थान पर प्रधान द्वारा अपने लोगों को खुश करने में किया जा रहा है।”अंधा बांटे रेवड़ी, घरे घराना देय” की कहावत को चरितार्थ करते ऐसे प्रधान गांव के विकास के स्थान पर स्वयं के विकास में लगे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जब प्रधान को उसके कार्यों के भंडाफोड़ की चेतावनी दी जाती है तो भी वे टस से मस नहीं होते, बल्कि कहते हैं कि इसमें का पैसा उपर के अधिकारियों तंक जाता है तो फिर वही अधिकारी क्या जांच करेगा? अब तक दर्जनों गांवों के ग्रामीण इस बंदरबांट के विरुद्ध आवाज उठा चुके हैं।
ताजा मामला मनिहारी विकासखण्ड के करकापुर गांव का है, जहां ग्रामप्रधान और सचिव द्वारा सरकारी धन का जमकर बंदरबांट किया गया है। गरीबों को मिलने वाले प्रधानमंत्री आवास में ग्रामप्रधान द्वारा आवास स्वीकृत कराने के नाम पर जमकर धन उगाही की गयी। इतना ही नहीं बल्कि गांव में शौचालय निर्माण में मानक को ताक पर रखकर कार्य कराया गया है। गांव के ही फुलबदन यादव और रामदेव ने शपथ-पत्र देकर जिला अधिकारी गाज़ीपुर से गांव के ग्रामप्रधान पर सरकारी धन के बंदरबाट का आरोप लगाया था। इसपर जिलाधिकारी ने जांच के लिए टीम गठित की लेकिन विकासकार्यो का विधिवत जांच नही हो सकी। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत 360 शौचालयों में अभी मात्र 150 शौचालय ही बने हैं और वह भी मानक के विपरीत। गांव में प्रधानमंत्री आवास में लाभार्थियों से 10 हजार रुपये यह कह कर ग्रामप्रधान प्रतिनिधि विक्रमा यादव ने लिया है कि अधिकारियों को रुपये देना है।गांव के प्रधानमंत्री आवास की लाभार्थी तपेश्वरी देवी,सविता देवी आदि ने बताया कि दूसरी क़िस्त के भुगतान के लिए ग्रामप्रधान प्रतिनिधि ने जबरदस्ती 10-10 हजार रुपये लिए हैं ।यही नहीं बल्कि गांव में कई इंटरलॉकिंग कार्य केवल कागज में दिखाकर ग्रामप्रधान और सचिव द्वारा ग्रामपंचायत के धन का बंदरबाट किया गया है।मनरेगा के कार्य पोखरी और समतलीकरण में भी सरकारी धन की उगाही की गई है।
विकास कार्यों की जांच न होने से क्षुब्ध गांव के शिकायतकर्ता ने न्यायालय में वाद दाखिल किया तो न्यायालय के आदेश पर ग्रामप्रधान इंदु देवी, प्रधान पति विक्रमा यादव,तत्कालीन सचिव कांता यादव और मनिहारी के खण्ड विकास अधिकारी पर 6.57लाख रुपये के सरकारी धन के गबन के आरोप में जंगीपुर थाना में मुकदमा भी दर्ज किया गया। इसके बावजूद अबतक कोई कारर्वाई नहीं की गयी। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए ग्राम पंचायत करकापुर के विकासकार्यो की जांच और भौतिक सत्यापन कराकर दोषियों के विरुद्ध न्यायोचित कारवाही की मांग की है।

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