श्रद्धांजलि ! माँ भारती के लिए शहादत देने वाले वीरों को शथ शत नमन

कल की हुई आतंकी घटना पर एक युवा कवि ने अपने उद्गार दर्ज किया है –

कलम यह मौन है मेरी, वीरों की शहादत पर।
सजल हैं नेत्र ये मेरे, बुझदिलों की अदावत पर।।
जिन्होंने पीठ में भोंका छुरा ,आज फिर यह धोखे से।
उन्हें ना मोक्ष मिल पाए, उनकी अपनी मैयत पर।।

शहादत मेरे वीरों की, न जाएगी कभी खाली।
मारेंगे हम घर में घुसकर, करें वो लाख रखवाली।।
चलो शमशीर उठा लो, करो ना वक्त यों जाया।
मिटा दो नक्शे से तुम पाक, भले हों लाख फरियादी ।।

कवि – अशोक राय वत्स
रैनी ,मऊ (उत्तरप्रदेश) मो. 8619668341

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