मांग !नीति आयोग की बैठक में बिहार के लिए मांगा विशेष राज्य का दर्जा

नई दिल्ली, 17 जून 2018। राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में आज नीति आयोग की संचालन परिषद की चौथी बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीते वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने मजबूत 7.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है और ‘‘अब चुनौती इस वृद्धि दर को दहाई अंक में ले जाने की है।’’उन्होंने बाढ़ प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बाढ़ से उत्पन्न स्थित से निपटने में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की संचालन परिषद ने राजकाज से जुटे जटिल मुद्दों को ‘टीम इंडिया’ के रूप में ‘‘सहयोगपूर्ण, प्रतिस्पर्धापूण संघवाद की भावना के साथ लिया है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का लागू होना टीम इंडिया की इस भावना का एक जीता जागता उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने उप समूहों और समितियों में अपने कार्यों के जरिये स्वच्छ भारत मिशन, डिजिटल लेनदेन और कौशल विकास जैसे मुद्दों पर नीतियां बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।इससे पहले नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने मुख्यमंत्रियों और अन्य प्रतिनिधियों का स्वागत किया। सत्र का संचालना गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने किया।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नीति आयोग के गवर्निंग काउंसिल की बैठक में एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई। गवर्निंग काउंसिल को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि विशेष दर्जा मिलने से केंद्र की ओर से प्रायोजित योजनाओं में केंद्र की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी होगी, जिससे राज्य अपने संसाधनों का उपयोग अन्य विकास कार्यों में कर सकेंगे। इसके अलावा, बिहार के मुख्यमंत्री ने नीति आयोग से 12वीं पंच वर्षीय योजना के तहत स्वीकृत 12 हजार करोड़ की राशि में शेष 1651 करोड़ रुपए की राशि जारी करने की मांग की। कहा कि देश के कुछ राज्य विकास के मानदंडों में राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे हैं। ऐसे में यह तर्कसंगत आर्थिक रणनीति होगी कि ऐसे राज्यों को प्रोत्साहन देकर राष्ट्रीय औसत तक पहुंचाया जाए। हमारी विशेष राज्य की मांग इसी अवधारणा पर आधारित है। विशेष राज्य का दर्जा मिलने से केंद्रीय योजनाओं में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी होगी, जिससे राज्य अपने संसाधनों का उपयोग अन्य विकास कार्यों में कर सकेंगे। वहीं, विशेष राज्य के दर्जे के चलते मिलने वाले टैक्स छूट से निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इससे नए कारखाने लगेंगे और लोगों को रोजगार मिलेगा।
केंद्र और राज्यों के बीच राजस्व बंटवारे पर बोलते हुए नीतीश ने कहा कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिश के कारण राज्यों को 32 फीसदी की जगह 42 फीसदी राशि तो मिली, लेकिन यह अतिरिक्त राशि केंद्र द्वारा केंद्रीय योजनाओं में अपनी देनदानी कम कर देने से काफी हद तक समायोजित हो गई। बिहार का जिक्र करते हुए नीतीश ने कहा पिछले चार वित्त आयोगों की रिपोर्ट के बाद बिहार की हिस्सेदारी में लगातार कमी आ रही है। 11वें वित्त आयोग में बिहार की राजस्व हिस्सेदारी 11.59 फीसदी थी, जो 12वें वित्त आयोग में घटकर 11.03 फीसदी, 13वें वित्त आयोग में 10.92 फीसदी और 14वें वित्त आयोग में घटकर 9.66 फीसदी हो गई।

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