आश्चर्यजनक सत्य – जमीन पर खिसकने वाला आम्र वृक्ष
प्रकृति मानव के लिए आज भी अबूझ पहेली है। यदा-कदा प्रकृति ऐसे कारनामे कर जाती है जिसे देखकर मानव दांतो तले उंगली दबाने को मजबूर हो जाता है।
पेड़ पौधों, पशु पक्षियों व जन जीवन को पुष्पित और पल्लवित कर सुखमय बनाने में लगी प्रकृति आज अपने ही लोगों की परिवर्तीत जीवनशैली का शिकार होती जा रही है।
इसके बावजूद भी प्रकृति में आज भी अनेकों रहस्य छिपे हुए हैं जो वैज्ञानिकों के लिए चुनौती बने हुए हैं। इसी में वह एक आम का पेड़ है जो
हमेशा खिसकता रहता है। पेड़ के खिसकने की बात सुनकर आश्चर्य होना लाजमी है, लेकिन यह पूर्णतः सत्य है। वन विभाग ने भी इसके खिसकने की बात की पुष्टि की है।
आम का यह रहस्यमयी पेड़ गुजरात प्रान्त के वलसाड जिले के उमरगाम तालुका में संजाण गांव (संजन गांव) में आम के बागीचे में स्थित है। कहा जाता है कि ये पेड़ 1300 साल पुराना है और बीते 250 साल में 200 मीटर तक खिसक चुका है। यह पेड़ सदियों से आगे बढ़ रहा है। इस पेड़ की तमाम विशेषताओं को देखते हुए इसे वर्ष 2011 में हेरिटेज ट्री (विरासत वृक्ष) घोषित किया गया है।वहाँ वन विभाग ने एक बोर्ड लगा रखा है जिसमें लिखा है कि पिछले 20 से 25 वर्ष में ही यह पेड़ अपने मूल स्थान से तकरीबन तीन-चार मीटर यानी 10 फीट तक पूर्व दिशा में आगे बढ़ चुका है। वन विभाग के अफसरों की मानें तो यह पेड़ ऊपर के साथ जमीन के समानांतर भी बढ़ रहा है। ग्रामीणों का मानना है कि यह अजूबा पेड़ 1300 साल पहले पारसी निवासियों द्वारा लगाया गया होगा। इसका रहस्य आज तक अबूझ पहेली बना हुआ है।
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