गुरु कृपा से ही शिष्य होता है भवसागर से मुक्त 

गाजीपुर। सिद्धपीठ हथियाराम मठ में गुरु पूर्णिमा का पर्व  सोमवार को धूमधाम से मनाया गया। स्वजनपद सहित देश के कोने कोने से बड़ी संख्या में शिष्य श्रद्धालु पहुंचे, जिन्होंने बुढ़िया माई का दर्शन पूजन एवं पीठाधिपति महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नन्दन यति जी महाराज का चरण वंदन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। हजारों की संख्या में पहुंचे दर्शनार्थियों का दिन भर तांता लगा रहा। भक्तों ने पूरे समर्पण भाव से गुरु चरणों में शीश नवाया।

        इस मौके पर सिद्धपीठ हथियाराम मठ के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज ने अपने ब्रह्मलीन गुरु महामंडलेश्वर स्वामी बालकृष्ण यति का पूजन-अर्चन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। 

       अपने शिष्यों को आशीर्वचन देते हुए पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज ने कहा कि हिंदू धर्म में गुरु को भगवान का दर्जा दिया गया है। प्रत्येक मनुष्य के जीवन में गुरु का बहुत बड़ा योगदान होता है। कहते हैं कि गुरु के आशीर्वाद से मनुष्य अपने जीवन के कठिन से कठिन समय को पार कर लेता है। गुरु के इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए हमारे शास्त्रों में एक दिन उनके नाम किया गया है जिसे गुरुपूर्णिमा कहा जाता है। इस अवसर पर मठ पर भंडारे का भी आयोजन किया गया था, जिसमें श्रद्धालुओं द्वारा गुरु पूजा के बाद श्रद्धा के साथ महाप्रसाद ग्रहण किया गया। इस अवसर पर गुजरात के नागेश्वर ज्योतिर्लिंग ट्रस्टी आनंद जी, इंदौर के उद्योगपति पंकज, कथा वाचक डॉ मंगला सिंह, जितेंद्र सिंह वैभव, रणजीत सिंह, भाजपा के जिलाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह, जंगीपुर विधायक डा. वीरेन्द्र यादव, डॉ रत्नाकर त्रिपाठी, संत देवरहा बाबा, स्वामी अभयानन्द, रमाशंकर राजभर, डा. सानन्द सिंह, डा. संतोष मिश्रा, संतोष यादव, मंगला सिंह, डा. सुरेन्द्र सिंह सहित गाजीपुर जनपद के साथ ही आजमगढ़, बलिया, जौनपुर, चंदौली, मऊ सहित विभिन्न जनपदों से हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।

         इसी क्रम में सिद्धपीठ भुड़कुड़ा मठ पर पीठाधीश्वर शत्रुघ्न दास जी महाराज ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि सत्य से हमारा साक्षात्कार कराने में गुरु की महत्ता सबसे अधिक है। गुरु के द्वारा प्राप्त ज्ञान के अभाव में हमारा जीवन निरर्थक है, हम जीवन पर्यंत सत्य की खोज में भटकते रह जाएंगे ऐसे में गुरु द्वारा प्राप्त ज्ञान के माध्यम से ही इस भवसागर से पार उतरना संभव है। इस दौरान बलिया, आजमगढ़, चंदौली, मऊ सहित जगह-जगह से सिद्धपीठ से जुड़े श्रद्धालुओं के जत्थे ने मठ पर पहुंच कर समाधि दर्शन एवं गुरु दर्शन कर भंडारा प्रसाद ग्रहण किया। गुरू पूर्णिमा के अवसर पर भुड़कुड़ा सिद्ध समाधि स्थल मठ पर खिचड़ी का भोग लगाया जाता है, जिसे प्राप्त करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। 

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