कवि अशोक राय वत्स की रचना “ऐसा नया साल हो”

“ऐसा नया साल हो”

मन में न द्वेष पले, प्रीति रस धार बहे,

राम धुन गाएं सभी,ऐसा सम भाव हो।

हिन्दुस्तानी आन देख, रिपु दल आह भरे,

राष्ट्र गान राष्ट्र गीत, और राम नाम हो।

ओजवान नौजवान, देश हो विकास मान,

सूर्य सम तेज युक्त, भारती का भाल हो।

आन बान शान वाला, परिवेश हो महान,

मन में हो राष्ट्रवाद, ऐसा नया साल हो।

कवि, अशोक राय वत्स, स्वरचित ©®
रैनी, मऊ उत्तरप्रदेश 8619668341

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