डायग्नोस्टिक सेन्टर ने दी किडनी में पथरी की फर्जी रिपोर्ट, मामला आर पी. डायग्नोस्टिक सेन्टर का

मरीज के परिजनों ने उठायी कारर्वाई की मांग

* नीरज यादव * गाजीपुर । अपने स्वास्थ्य सम्बन्धित उलझनों को लेकर परेशान मरीज की परेशानियां उस समय और बढ़ जाती है जब मात्र कुछ पैसों की लालच में पैथोलॉजिकल जांच केन्द्र गलत रिपोर्ट देकर मरीज और उसके परिजनों की जांच सांसत में डाल देते हैं।
ऐसा ही एक मामला शहर के आर.पी. डायग्नोस्टिक सेंटर से देखने को मिला। युवती की किडनी में पथरी की रिपोर्ट देकर आर पी. डायग्नोस्टिक सेंटर ने मरीज के परिजनों को दहशत में डाल दिया। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने स्टोन (पथरी) की साइज 4.4 एमएम बताते हुए तत्काल आपरेशन कराने की मुफ्त सलाह भी दे दी। परेशान परिवार ने जब इसकी जानकारी अपने परिचितों से की तो उन्होंने किसी और सेन्टर पर जांच कराने की बात कही।
यह घटना जिले के मिरदादपुर की पूजा यादव पत्नी राजकुमार यादव के साथ घटी थी। राजकुमार ने अपनी पत्नी का विशेश्वरगंज स्थित आरपी डायग्नोस्टिक सेंटर पर अल्ट्रासाउंड कराया तो रिपोर्ट में किडनी में पथरी होने की बात कही गयी। अल्ट्रा साउंड करने वाले ने राजकुमार यादव को तत्काल आपरेशन कराने की भी सलाह दे दी। यह जानकर परिवार वालों की नींद उड़ गई।
आपसी सलाह मशविरे के बाद परिवार वाले पूजा को लेकर दूसरे डायग्नोस्टिक सेंटर पर पहुंचे और वहां जांच करायी तो वहा की रिपोर्ट में पथरी नहीं निकली। इससे एक ही मरीज की दो रिपोर्ट आने से परिवार वाले हैरत में पड़ गये। परिवार से छनकर यह मामला मीडिया तक जा पहुंचा। मीडिया ने आर पी. डायग्नोस्टिक सेंटर की पड़ताल की। सूत्रों द्वारा पता चला कि अल्ट्रासाउंड कर रिपोर्ट तैयार करने वाले डिग्री धारक अशोक कुमार एमबीबीएस हैं, जबकि अंदर अल्ट्रासाउंड वहीं का कर्मचारी कमलेश यादव कर रहा है जो इसके लिए योग्य ही नहीं है।
मजे की बात यह है कि जब सेंटर मैनेजमेंट को यह बात मीडिया में पहुंचने की जानकारी मिली तो उन्होंने फर्जी दी गयी रिपोर्ट के मामले को दबाना चाहा। जब मीडिया द्वारा मैनेजमेंट को बोला गया कि आप अपने रेडियोलॉजिस्ट डॉ. अशोक कुमार से मिलवा दीजिए तो मैनेजमेंट बगलें झांकने लगा और मीडिया की टीम को रेडियोलॉजिस्ट डॉ. अशोक कुमार से नहीं मिलने दिया। वहां से खबर मिली कि इस सेंटर पर रेडियोलॉजिस्ट डॉ अशोक कुमार के जगह वहीं का कर्मचारी कमलेश यादव ही रेडियोलॉजिस्ट अल्ट्रासाउंड कर रहा है। मीडिया टीम को शायद इसीलिए रेडियोलॉजिस्ट से नहीं मिल पाया गया। इसकी शिकायत के लिए जब मीडिया द्वारा सीएमओ को फोन मिलाया गया तो उनका फोन नहीं उठा।
लोगों का कहना है कि चंद पैसों के लिए डायग्नोस्टिक सेंटर वाले फर्जी रिपोर्ट देकर मरीजों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ ही नहीं करते बल्कि उस डॉक्टर का जेब भरते हैं जो मरीज को उनके यहां जांच के लिए भेंजता है। फर्जी रिपोर्ट देनेवाले ऐसे डायग्नोस्टिक सेन्टर पर जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई के जाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में यह लोग फर्जी रिपोर्ट देकर मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न कर सकें। देखें दोनों रिपोर्ट ……

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