विधि विधान से सम्पन्न होगा महाशिवरात्रि पर्व

गाजीपुर। प्रसिद्ध सिद्धपीठ हथियाराम मठ में महाशिवरात्रि का पर्व विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी विधि विधान के साथ परम्परागत ढंग से मनाया जायेगा।
     पीठाधिपति महामंडलेश्वर स्वामी श्री भवानी नन्दन यति जी महाराज के नेतृत्व में वैदिक ब्राह्मणों द्वारा परम्परानुसार असंख्य पार्थिव शिवलिंग निर्मित कर विधि-विधान पूर्वक शिवोपासना व शिवार्चन किया जायेगा। कोरोना प्रोटोकॉल, चुनाव आचार संहिता एवं जनसामान्य के स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए महामंडलेश्वर भवानी नन्दन यति महाराज ने भक्त और श्रद्धालुओं से आह्वान किया है कि वह अपने घरों में ही शिवोपार्चन करें।
    स्वामी महाराज ने महाशिवरात्रि की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वैसे तो शिवरात्रि हर महीने में आती है लेकिन महाशिवरात्रि वर्ष में एक बार आती है। फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाए जाने वाले महाशिवरात्रि देवाधिदेव महादेव शिव और माता पार्वती के विशेष पूजन अर्चन का विशेष दिन है। इसी दिन महादेव और माता पार्वती का विवाह सम्पन्न हुआ था। उसी उपलक्ष्य में महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है।
   उन्होंने बताया कि शिवपुराण में कहा गया है कि महाशिवरात्रि की रात को आदिदेव भगवान शिव करोड़ों सूर्य के समान प्रभाव वाले शक्तिशाली शिवलिंग के रूप में अवतरित हुए थे। इसलिए इस रात को जागरण की रात्रि कहा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन हर शिवलिंग में शिव स्वयं विराजमान होते हैं। ऐसे में शिवलिंग का पूजन करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। महाशिवरात्रि पर यदि सच्चे मन से शिव की उपासना की जाय तो प्रभु भक्त की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। वहीं महाशिवरात्रि का व्रत रखने से व्यक्ति को सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है और आत्मा शुद्ध व निर्मल बनती है। महाशिवरात्रि का दिन महादेव के भक्तों को तमाम यातनाओं से बचाता है। यदि कुंवारी कन्याएं व्रत रखकर महादेव से योग्य वर की कामना करें, तो उनकी कामना अवश्य पूरी होती है। वहीं सुहागिन स्त्रियां शिवरात्रि का व्रत करें और महादेव और मां पार्वती का आशीर्वाद लें, तो उनका वैवाहिक जीवन सुखमय बने रहने के साथ ही पति को दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है।

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