घपला ! कहां गुम हुई फाइल

गाजीपुर (उत्तर प्रदेश),18 जनवरी 2019। जिले में एबीआरसी चयन के उपरांत पदस्थापन का मामला अभी अधर में ही लटका है और चयन की पूरी फाइल गायब है। इस फाइल के गुम होने से एबीआरसी चयन से जुड़े अभ्यर्थियों में हड़कंप मच गया है। इस फाइल के बारे में डीएम के कैम्प कार्यालय के कर्मचारियों का कहना है कि बीएसए कार्यालय के कर्मचारी को हम लोगों ने फाइल दिया था।
इसके बावजूद बीएसए ने डीएम आवास से एबीआरसी से जुड़ी फाइल मिलने से इंकार किया है। चर्चित एबीआरसी चयन से जुड़ी पत्रावली को लेकर दोनों कार्यालयों के कर्मचारी एक दूसरे को शक की निगाह से देख रहे हैं।इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी के. बालाजी का कहना है कि इस तरह की लापरवाही करने वाले कर्मचारियों को दंडित किया जाएगा।
बताते चलें कि गत वर्ष अगस्त माह में डायट सैदपुर में एबीआरसी चयन की परीक्षा कराई गई थी और चयनित 80 एबीआरसी अभ्यर्थियों का परीक्षाफल किसी तरह काफी हो हल्ला के उपरांत दो माह बाद घोषित किया गया। परीक्षाफल घोषित करने के बावजूद भी काफी समय के बाद अभ्यर्थियों को चयनित किया गया, लेकिन पेंच पदस्थापन में आकर फंस गया। . इतना ही नहीं बल्कि रसूखदारों ने भी अपने चहेतों की मनचाही तैनाती के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से सिफारिश की थी। बावजूद इसके जिला प्रशासन ने उसे मेरिट के ही हिसाब से करना जरूरी समझा। इसको लेकर जिलाधिकारी ने भी मीडिया के सामने बयान दिया कि जल्द ही चयनित एबीआरसी अभ्यर्थियों को तैनाती दे दी जाएगी, पर हुआ इसके विपरीत। इस बीच इसकी सीडीओ को जांच दी गई। जांच प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्होंने भी फाइल डीएम को भेज दी और फाइल काफी दिनों तक डीएम आवास पर पड़ी रही। चयनित अभ्यर्थियों की नाराजगी के बाद इसका अनुमोदन किया गया। हालांकि अनुमोदन के बाद फाइल गायब हो गई। डीएम आवास के कुछ कर्मचारियों ने कहा कि बीएसए कार्यालय के एक कर्मचारी को फाइल दी गई है। जबकि यह फाइल बीएसए कार्यालय पहुंची ही नहीं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले के जिम्मेदार अधिकारी मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी कार्यों को कैसे पलीता लगा रहे हैं। इस एबीआरसी चयन के मामले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने जिले के जिम्मेदार अधिकारियों को फोन करके तत्काल पदस्थापन करने को कहा था।
इस मामले में बीएसए श्रवण कुमार का कहना है कि डीएम के कैम्प कार्यालय से उनको फाइल नहीं मिली है। इस मामले की जानकारी जुटाई जा रही है। वहीं सूत्रों का कहना फाइल गुम नहीं हुई है बल्कि जानबूझकर गायब की गई है। बीएसए कार्यालय के कुछ कर्मचारियों की भूमिका इसमें संदिग्ध मानी जा रही है। डीएम के कैम्प कार्यालय में बीएसए कार्यालय विकास भवन और सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय के एक एक चर्चित कर्मचारी ही पहुंचकर फाइलों का आदान प्रदान करते हैं। इनकी भी भूमिका की जांच होनी चाहिए। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी का कहना है कि एबीआरसी चयन से जुड़ी फाइल गुम होने की जानकारी नहीं है, लेकिन इस संबंध में जानकारी जुटाकर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही भविष्य में कोई भी कर्मचारी हरकत न करे इसके लिए सख्ती बरती जाएगी।

Views: 100

Leave a Reply