भारत रत्न ! धुमधाम से मना महामना पंडित मदनमोहन मालवीय व पूर्व प्रधानमंत्री बाजपेयी का जन्मदिन

गाजीपुर (उत्तर प्रदेश),25 दिसम्बर 2018। सूरज रोज निकलता है,तारीख रोज बदलती है परंतु उसमें से कोई कोई दिन ऐसा होता है जो इतिहास बन जाता है। 25 दिसंबर का दिन ऐसा ही महत्वपूर्ण दिन है, जो भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है। इसी दिन दो भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय तथा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई का जन्मदिन है, जिन्होंने अपने विशिष्ट कर्म व व्यक्तित्व से देश ही नहीं वरन् पूरे विश्व में अपनी अमर कीर्ति स्थापित की ।

उक्त वक्तव्य अनिल राजभर सैनिक कल्याण एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार उत्तर प्रदेश ने क्षेत्र के पंडित मदन मोहन मालवीय इंटर कालेज सिखड़ी में आयोजित भव्य मालवीय जयंती समारोहमें आज मुख्य अतिथि पद से व्यक्त किया। महामना की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि दासता की बेड़ियों से त्रस्त भारतीय जनता को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से उस प्रतिकूल परिस्थितियों में भी काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना वाराणसी में कर उन्होंने जो कार्य किया, वह आज पूरे विश्व में प्रेरणा स्रोत है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय से निकले लोग आज चिकित्सा, विज्ञान, तकनीकी, शिक्षा व राजनीति के क्षेत्र में कार्य कर महामना के सपनों को साकार कर रहे हैं। महामना ने गंगा की निर्मलता के लिए उस समय हरिद्वार से पदयात्रा कर लोगों को उसके लिए सचेष्ट किया था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने भारतीय राजनीति पर अपनी अमित छाप छोड़ी है। उनकी स्पष्टवादिता, गंभीरता तथा विद्वता के प्रति सभी लोग उनका सम्मान करते थे। भारत पाक पर उन्होंने कहा था कि दूध में दरार पड़ गई। दोनों महापुरुषों के दर्शाए मार्ग पर चल कर ही हम प्रगति के पथ पर आगे बढ़ सकते हैं। विशिष्ट अतिथि सदस्य विधान परिषद द्वय केदारनाथ सिंह तथा चेत नारायण सिंह ने अपने उद्बोधन में महामना तथा अटल बिहारी वाजपेई को नमन करते हुए उनके स्थापित आदर्शों का बखान किया। कहा कि आजादी के संघर्ष के दौरान महामना की सोच ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के रुप में देश को नयी दिशा प्रदान की।महामना की कल्पना ने आजादी के समय देश की आजादी होने के बाद संभालने वालों के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की जहां पर वैज्ञानिक चिकित्सक इंजीनियर साइंटिस्ट जैसे लोगों को पैदा किया। कहा कि शिक्षा सिर्फ स्वयं के विकास के लिए नहीं बल्कि देश के विकास के लिए होनी चाहिए।महामना के आदर्शों से प्रेरित होकर महामना की बगिया से निकले मनोज सिन्हा ने राजनीति का रास्ता अपनाकर पूरे पूर्वांचल को विकास की नई सौगात दी है।
इससे पूर्व समारोह के अध्यक्ष मनोज सिन्हा रेल राज्य व संचार राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार ने दीप प्रज्वलित कर तथा मां सरस्वती व महामना के चित्र पर माल्यार्पण कर समारोह का शुभारंभ किया।

विद्यालय के प्रधानाचार्य पारसनाथ राय द्वारा मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि व अध्यक्ष को स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया तो वहीं मुख्य अतिथि द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में योगदान प्रदान करने वाले विभिन्न क्षेत्रों के सेवानिवृत शिक्षकों को सम्मानित किया गया। समारोह में छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों में स्वागत गीत, देशभक्ति गीत, मेरी जान जाए तो जाए वतन के लिए, कौव्वाली, अनेकता में एकता भाव गीत,भारत पाकिस्तान बॉर्डर पर सेना के जवानों तथा पाकिस्तान के आतंकवादियों द्वारा खून खराबा, खेती किसानी का चित्रण प्रमुख रहा।

समारोह के अध्यक्ष व जिले के सांसद मनोज सिन्हा ने शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महामना के आदर्शों के अनुरूप इस विद्यालय ने संस्कारित शिक्षा के बल पर जिले में अपना स्थान बनाया है। भारत के औद्योगिक विकास में महामना का स्थान सर्वोच्च है परंतु उस समय की सरकार ने उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया। अब बाद में उन्हें भारत रत्न देकर सम्मानित किया गया है। इस सम्मान से महामना का नहीं बल्कि भारतरत्न का सम्मान बढ़ा है। चौरा चौरी के आंदोलन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब क्रांतिकारियों का मुकदमा लड़ने को कोई वकील तैयार नहीं था तब मालवीय जी ने मुकदमा लड़कर काफी क्रांतिकारियों को बचाया था तथा जालियांवाला बाग की घटना के बाद वहां सबसे पहले जाकर देश की आजादी के लिए बिगुल बजाया था। ऐसे शख्सियत को मैं प्रणाम करता हूं। मनोज सिन्हा ने प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के चरित्र पर प्रकाश डालते हुए उनकी स्मृतियों को नमन किया। मोदी सरकार के पिछले साढ़े साल के विकास कार्यों वर्णन करते हुए उन्होंने सरकार द्वारा कराए गए कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। जनपद गाजीपुर में विकास कार्यों की बात करते हुए कहा कि रेल, सड़क, जल परिवहन के क्षेत्र में जो कार्य स्वतंत्रता के बाद से नहीं हुए थे, वह पिछले 4 सालों के मध्य केंद्र की मोदी सरकार के देखरेख में तेजी से हो रहे हैं। उन्होंने कहां की इससे पूर्व केंद्र की कोई परियोजना गाजीपुर में नहीं लाई गई थी, जबकि पिछले साढ़े चार साल में गाजीपुर व पूर्वांचल के विकास की अनेक योजनाएं कार्य कर रही हैं। बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान को एम्स का दर्जा दिया गया है और सारी ही सुविधाएं शीघ्र ही लोगों को मिलेंगी। इसी प्रकार काशी हिंदू विश्वविद्यालय में ही बड़ा नेत्र चिकित्सालय, वाराणसी में ही कैंसर इंस्टीट्यूट में स्तरीय सारी सुविधाएं मिलनी आरंभ हो जाएंगी। शीघ्र ही गाजीपुर से दिल्ली मुंबई तथा लखनऊ के लिए हवाई यात्रा शुरु होगी। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि आगामी 29 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी गाजीपुर के आरटीआई मैदान में विशाल जनसभा में अवश्य पहुंचे। वहां प्रधानमंत्री जी महाराज सुहेलदेव पर डाक टिकट जारी करने के साथ गाजीपुर में मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास भी करेंगे। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पुराना पूर्वांचल विकास बोर्ड के गठन पर हार्दिक बधाई दी और उम्मीद जताई कि इससे पूरे पूर्वांचल का सर्वांगीण विकास होगा। इस अवसर पर प्रभुनाथ चौहान, रामअवध पांडेय,सुनील सिंह, भानु प्रताप सिंह, शारदानंद राय, दया शंकर सिंह, लाल बहादुर पांडेय, अजित सिंह, राज कुमार त्रिपाठी, आशुतोष राय, विश्वनाथ राय, कृष्ण बिहारी राय, सच्चिदानंद राय, झारखंड पांडेय, अखिलेश राय, राम बहादुर पांडेय,जितेन्द्र नाथ पांडेय, डॉटर किरन राय, शकुंतला राय,आशीष राय, शारदा नन्द राय ,मनोज कुमार राय राजेश सोनकर योगेश सिंह सहित काफी संख्या में भाजपा नेता व क्षेत्रीय गणमान्यजन व अभिभावकगण उपस्थित रहें। समारोह का सफल संचालन आचार्य गौरी शंकर पांडेय ने किया।

इसी क्रम में महामना की ससुराल मिर्जापुर जिले में भी जयंती समारोह मनाया गया। वहां आयोजित जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व रणजी ट्राफी खिलाड़ी आनंद त्रिपाठी ने कहा कि समाज मे व्याप्त अंधकार को कोसने के बजाय अंधेरे में एक दीप जलाकर ज्ञान का प्रकाश बिखेरने वाले महामना मदन मालवीय को किसी सीमा में नही बांधा जा सकता। भिक्षा मांगकर शिक्षा देने का अलख जलाया। जो आज विश्व में अपना परचम फहरा रहा है। समारोह में राष्ट्रवादी महामना के व्यक्तित्व एवम कृतित्व पर वक्ताओं ने प्रकाश डालते हुए कथनी के बजाय करनी पर जोर दिया। मुख्य अतिथि श्री त्रिपाठी ने कहा कि महामना का मीरजापुर से नाता जिले के लिए गौरव की बात है। उनके त्याग, बलिदान, विद्वता, समाज हित की ललक और राष्ट्रवाद की भावना देश की भावी पीढ़ी का मार्ग दर्शन करती है। रमाशंकर मालवीय ने कहा कि उनकी शादी सत्रह वर्ष की अवस्था में 1878 में मिर्जापुर के बड़ीमाता मुहल्ले में हुई थी।रमाशंकर मालवीय ने 21 दिन की वरयात्रा की चर्चा करते हुए कहा कि सात दिन में इलाहाबाद से बैलगाड़ी से निकली बारात आयी थी तो सात दिन का बड़हार रहा और सात दिन घर पहुंचने में लगा था। संजय मिश्र ने उन्हें उदारमना बताया। श्याम नारायण तिवारी ने अध्यापक के रूप में उनकी प्रतिभा को नमन किया। कहा कि सूर्य के प्रकाश, अग्नि की ज्वाला को सीमा में नही बांधा जा सकता उसी प्रकार महामना की विलक्षण प्रतिभा थी । डॉ0 गणेश प्रसाद अवस्थी ने कहा कि काशी में दो महा है एक महादेव तो दूसरे महामना । दोनों देश ही नही विदेश में भी पूजे जाते है । समारोह में अधिवक्ता समाज के सोमेश्वर मिश्र एवम अखिलेश अग्रहरि को सम्मानित किया गया । इस मौके पर डॉ0 रामहर्ष गुप्त, रत्नाकर चौबे, कैलाश नाथ द्विवेदी, गंगासागर दूबे, विष्णु नारायण मालवीय, गोवर्धन त्रिपाठी एवम डॉ0 अवनीश पाण्डेय ने विचार व्यक्त किया।

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