भारतीय ज्ञान और आधुनिक शिक्षा के समन्वय से शांति स्थापना सम्भव – दलाईलामा

वाराणसी(उत्तर प्रदेश),19 मार्च 2018।भारतीय शिक्षा पद्धति से पूरी दुनिया में शांति लाई जा सकती है। यही एक देश है जहां पर सभी धर्मों,परम्पराओं और संस्कृति का समन्वय है। जहां भारतीय ज्ञान और आधुनिक शिक्षा के समन्वय से शांति स्थापित की जा सकती है।
उक्त वक्तव्य तिब्बती धर्मगुरू दलाईलामा ने भारतीय विश्वविद्यालय संघ के तीन दिवसीय 92वें अधिवेशन के उद्घाटन के अवसर पर व्यक्त किया। आज सोमवार को सारनाथ में केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में संघ के अध्यक्ष प्रो. पीबी शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित अधिवेशन में भारतीय विश्वविद्यालयों के कई कुलपति और देश-विदेशों के शिक्षाविद् भाग ले रहे हैं। दलाईलामा ने कहा कि अहिंसा और करूणा एक साथ चलती है। पाठ्यक्रम में मानवीय मूल्यों को समाहित करना बेहद ज़रूरी है। इसके अलावा तिब्बती धर्मगुरू ने कहा की हिंसा का प्रमुख कारण यह है कि हम उसका और मेरा सोचते हैं, इससे बचने के लिए हमें हम के बारे में सोचना चाहिए।

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