दृढ़-संकल्पों से ही राष्ट्रभाषा घोषित होगी हिंदी
गाजीपुर। स्वामी सहजानन्द पीजी कालेज, गाजीपुर में हिंदी दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो. विनय कुमार दूबे, हिंदी विभागाध्यक्ष, स्नातकोत्तर महाविद्यालय गाजीपुर ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंदी आज तक राष्ट्रभाषा घोषित नहीं हो पायी। हम भारतीय सर्वाधिक आशावादी हैं। हमारे सतत् प्रयासों व दृढ़ संकल्पों से एक दिन हिंदी राष्ट्रभाषा घोषित होगी।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. वी के राय ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में मातृभाषा की वकालत की और हिंदी भाषा की ताकत पर ध्यान आकृष्ट कराया। कहा कि अभी वैश्विक परिवेश में अंग्रेजी को महत्ता देना हमारी बाध्यता है, लेकिन हिंदी भी अपने सर्वोच्च स्थान को प्राप्त करेगी।
अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. अजय राय ने भाषिक समन्वय पर बल दिया। कहा कि यदि हम हिंदी को बढ़ावा देना चाहते हैं तो भारत की अन्य भाषाओं का सम्मान भी करना सीखना चाहिए। डॉ. नर नारायण राय ने हिंदी के गुण-दोषों का सम्यक् विवेचन किया। हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. राकेश पांडेय ने कहा कि हिंदी की प्रकृति समावेशी रही है। इसने भारतवर्ष की एकता और अखंडता के प्रतिमान स्थापित किये हैं। श्री ओम प्रकाश राय ने कहा कि हिंदी मात्र भाषा नहीं आचरण और संस्कार भी है। हिंदी से ही हिंदुस्तान है। समाजशास्त्र के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विलोक सिंह ने हिंदी अनुवाद की विसंगतियों को उजागर किया। वाणिज्य विभाग के डॉ. देव प्रकाश राय ने बताया कि हिंदी रोजगारपरक बनने के बाद ही सर्वस्वीकृत हो सकती है। उर्दू के प्राध्यापक संजय कुमार ने हिंदी-उर्दू सम्बन्धों को व्याख्यायित किया।
समारोह के आरम्भ में स्वागत उद्बोधन कार्यक्रम समन्वयक हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. सतीश कुमार राय ने दिया। धन्यवाद ज्ञापन सुरेश कुमार प्रजापति व संचालन हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ‘अनंग’ ने किया।
कार्यक्रम के दौरान वाणिज्य विभाग के प्राध्यापक डॉ. विजय कुमार ओझा ने अपने मधुर स्वर में हिंदी का उद्बोधन गीत गाकर सम्पूर्ण सभागार को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह में महाविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर राम नगीना यादव, भूगोल विभागाध्यक्ष प्रोफेसर गायत्री सिंह, प्रोफेसर रामधारी राम, डॉ. कंचन सिंह, श्रीमती सौम्या वर्मा, सुश्री तूलिका श्रीवास्तव, कुशल पाल यादव, अजय कुमार सिंह, डॉ. सतीश कुमार पांडेय, राजेश गुप्ता आदि प्राध्यापक एवं भारी संख्या में विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।
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