विश्वकर्मा चरित्र मानस का हुआ लोकार्पण

गाजीपुर। डीएवी इंटर कॉलेज के सभागार में वरिष्ठ साहित्यकार एवं उपन्यासकार रामावतार द्वारा रचित विश्वकर्मा चरित्र मानस का लोकार्पण सम्पन्न हुआ।  


      इसका विमोचन करते हुए डी.ए.वी. इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य हरिशंकर शर्मा ने कहा कि यह महत्वपूर्ण कृति है जिसमें भगवान विश्वकर्मा के सृष्टिकर्ता रूप का वर्णन किया गया है। छंदों में लिखी इस भावपूर्ण रचना का सस्वर पाठ किया जा सकता है।

         विषय-प्रवर्तन करते हुए कवि एवं नाटककार डॉ. गजाधर शर्मा ‘गंगेश’ ने कहा कि इसका कृति में भगवान विश्वकर्मा के विभिन्न रूपों का सुंदर चित्रांकन किया गया है। यह केवल सृष्टिकर्ता ही नहीं है बल्कि देवता और असुरों की न्यायपूर्ण ढंग से हर संभव मदद करते रहे हैं। 

      डॉ. ऋचा राय ने कहा कि इस कृति को पढ़ते समय यह स्पष्ट हो जाता है कि रामावतार केवल कथाकार, निबंधकार, पत्रकार और संस्मरण लेखक ही नहीं हैं बल्कि एक कवि भी हैं। छंदबद्ध रचना करना आसान काम नहीं है। इन्होंने विश्वकर्मा चरित मानस जैसी कृति की रचना करके एक महत्वपूर्ण कार्य किया है।

      कार्यक्रम के अध्यक्षता करते हुए इंटर कॉलेज हुरमुजपुर के पूर्व प्रधानाचार्य रामधनी शर्मा ने कहा कि विश्वकर्मा चरित मानस जैसे ग्रंथ की विश्वकर्मा समाज को चिरकाल से आवश्यकता थी जिसकी पूर्ति करके राम अवतार ने विश्वकर्मा समाज के लिए पुण्य का कार्य किया है। 

     समकालीन सोच पत्रिका के संपादक राम नगीना कुशवाहा ने कहा कि इस सृष्टि के देवता विश्वकर्मा सर्वमान्य देवता हैं। इनकी पूजा हर वर्ग के लोग करते हैं। इसलिए यह कृति केवल विश्वकर्मा समाज ही नहीं हर समाज के लिए उपयोगी है।

      कार्यक्रम में पिछडा़ कल्याण अधिकारी नरेन्द्र विश्वकर्मा, राम अवतार शर्मा, सुदामाराम विश्वकर्मा, दिलिप शर्मा, अंगद शर्मा,  मदनमोहन शर्मा, गंगासागर शर्मा, मनोज विश्वकर्मा, शिवम् विश्वकर्मा, राघव विश्वकर्मा, गुड्डू शर्मा, प्रमोद राय सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। संचालन डा.संतोष तिवारी तथा धन्यवाद ज्ञापन जनार्दन ने किया।

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