विधार्थी जी की जयन्ती की पूर्व संध्या पर कायस्थ महासभा ने किया स्वजातीय बंधुओं को सम्मानित
गाजीपुर। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के तत्वावधान में महान क्रांतिकारी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, निर्भीक व पत्रकार जगत के पुरोधा गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती की पूर्व संध्या पर गोष्ठी आयोजित कर उन्हें नमन किया गया। महासभा के कार्यकर्ताओं ने विधार्थी जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए देश की एकता और अखंडता तथा आजादी की रक्षा, करने का संकल्प लिया।
महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में सिविल बार संघ का अध्यक्ष चुनें जाने पर गोपाल जी श्रीवास्तव, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के चौथी बार जिलाध्यक्ष चुने जाने पर दुर्गेश श्रीवास्तव, पत्रकारिता में सराहनीय योगदान के लिए वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार सिन्हा , नार्थ इंडिया बाडी बिल्डर प्रतियोगिता में छठां स्थान प्राप्त करने पर अनिल श्रीवास्तव और ताइक्वान्डो खेल में ब्लैक बेल्ट प्राप्त करने पर प्रांजलि सहाय के साथ-साथ पिछले वर्ष भगवान श्री चित्रगुप्त जी की झांकी मे सराहनीय योगदान करने वाले बच्चों को जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव और महामंत्री अरूण सहाय ने माल्यार्पण कर उन्हें अंग वस्त्र एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
विचार गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए महासभा के संरक्षक प्रेम कुमार श्रीवास्तव ने गणेश शंकर विद्यार्थी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि वह एक महान क्रांतिकारी, निडर और निष्पक्ष पत्रकार, समाजसेवी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में उनका नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित है। वह एक ऐसे पत्रकार थे जिन्होंने अपनी लेखनी की ताकत से भारत में अंग्रेजों की नींद उड़ा दी थी। इस महान स्वतंत्रता सेनानी ने अपनी कलम और वाणी के साथ साथ महात्मा गांधी के अहिंसावादी विचारों और क्रान्तिकारियों को समान रूप से समर्थन और सहयोग दिया। अन्याय और जुल्म के खिलाफ आवाज बुलंद करना ही उनके जीवन का सर्वोच्च उद्देश्य था।उनका जीवन हम सबके लिए प्रेरणा स्रोत है। जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव ने उन्हें पत्रकारिता का पितामह बताते हुए कहा कि वह न सिर्फ महान स्वातंत्र्य वीर थे बल्कि वह ईमानदारी, त्याग और बलिदान की मिसाल थे। अंग्रेज अधिकारियों और जमींदारों की निरंकुशता, शोषण एवं दमनकारी नीतियों के विरुद्ध उन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से लगातार जनजागरण किया। इतना ही नहीं वह निर्धनों, किसानों व मजदूरों की समस्याओं को उजागर करने तथा सामाजिक जड़ताओं,अंध परम्पराओं एवं कुरीतियों के विरुद्ध भी समाज में अलख जगाते रहे। विचार गोष्ठी में मुख्य रूप से विपिन श्रीवास्तव डब्बू,परमानन्द श्रीवास्तव चन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव, शैल श्रीवास्तव, मोहनलाल श्रीवास्तव,अजय कुमार श्रीवास्तव,मनीष कुमार श्रीवास्तव,विपुल श्रीवास्तव, गौरव श्रीवास्तव, अनिल स्वामी,शैलेन्द्र श्रीवास्तव, कमल श्रीवास्तव एडवोकेट संदीप वर्मा,शिवम् श्रीवास्तव, बीट्टू ,मोनू आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री अरूण सहाय ने किया।
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