रुद्राभिषेक व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मना महाशिवरात्रि पर्व

हर हर महादेव से गूंजायमान हुए शिवालय

हथियाराम हुई में असंख्य पार्थिव शिवलिंग की पूजा

गाजीपुर। देवाधिदेव महादेव का विशेष पर्व महाशिवरात्रि शहर सहित ग्रामीणांचलों में धूमधाम के साथ परम्परागत ढंग से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मनाया गया। सभी छोटे बड़े शिव मन्दिरों में प्रातः काल से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। घंटा घड़ियाल के बीच दिन भर अभिषेक चलता रहा।
सिद्धपीठ हथियाराम में महाशिवरात्रि के निमित्त आयोजित त्रिदिवसीय स्वाहाकार यज्ञ पूर्णाहुति के साथ सम्पन्न हुआ। पीठाधिपति महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन यति के संरक्षकत्व में सम्पादित इस धार्मिक अनुष्ठान के मुख्य यजमान की भूमिका जंगीपुर विधायक डा. वीरेन्द्र यादव ने निभाई। आचार्य सुरेश ने असंख्य पार्थिव शिवलिंग निर्मित कर विधि पूर्वक रुद्राभिषेक कराया।
महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नन्दन यति ने रुद्राभिषेक की महत्ता बताते हुए कहा कि रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान रुद्र का अभिषेक अर्थात शिवलिंग पर रुद्र के मंत्रों से अभिषेक करना। उन्होंने कहा कि जीवन में कोई कष्ट या कोई मनोकामना हो तो सच्चे हृदय से भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करें, निश्चित रूप से अभीष्ट लाभ की प्राप्ति होगी। रुद्राभिषेक ग्रह दोष और रोगों से भी छुटकारा दिलाता है। उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि की रात जागरण और पूजन की रात होती है। इस समय की जाने वाली पूजा विशेष फलदायक होती है। इस अनुष्ठान में पुण्य लाभ की कामना के साथ देश के कोने कोने से आये शिष्य-श्रद्धालुओं ने हिस्सालिया।
इसी क्रम में देवाधिदेव भगवान शिव के आराधना के विशेष दिन महाशिवरात्रि पर सादात नगर के शिव मंदिर कुटिया, अमरनाथ कुटी, चौमुखनाथ धाम धुवार्जुन समेत छोटे बड़े शिवालय हर हर मगदेव के जयघोष से गुंजायमान रहे। नगर में शिव बारात निकाली गई। लोग भूत-पिशाच और जीव-जन्तु का मुखौटा पहनकर बाराती बने।
सादात क्षेत्र के शिशुआपार गांव में स्थित नया शिव मंदिर प्रांगण में चल रहे संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन महाशिवरात्रि के अवसर पर गुरुवार को सामुहिक रुद्राभिषेक हुआ। ग्रामवासी प्रद्युम्न कुमार राय व उनकी पत्नी सुधा राय ने प्रमुख यजमान की भूमिका निभाई। उनके साथ तमाम ग्रामवासियों ने भक्तिभाव से रुद्राभिषेक किया।
हरिद्वार से आये कथा वाचक हरिहरानन्द ने श्रीमद् भागवत कथा को मानव जीवन के लिए कल्याणकारी बताया। भगवान की लीलाओं व चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि 84 लाख योनियों में मनुष्य का तन बड़े ही दुर्लभता से प्राप्त होता है। मनुष्य को भगवान की आराधना वंदना करते रहना चाहिये। कहा कि भगवान की प्राप्ति के लिए मोह का त्याग करना होगा। भागवत श्रवण से मनुष्य को परमानन्द की प्राप्ति होती है।

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