राष्ट्रीय लोक अदालत में 2810 वाद निस्तारित

गाजीपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ जनपद न्यायाधीश रामेश्वर द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया
प्रभारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, घनश्याम शुक्ल द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारण हेतु नियत वादों की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की गयी। उनके द्वारा माननीय जनपद न्यायाधीश के निर्देशानुसार राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रचार – प्रसार हेतु किये गये प्रयासों के बारे में जानकारी दी गयी।
बताया गया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रत्येक प्रकार के कुल 7321 प्रकरण के मामले निस्तारण हेतु नियत किये गये थे। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह समझौते एवं संस्वीकृति के आधार पर कुल 2810 वाद अंतिम रूप से निस्तारित किये गय, जिनमें राजस्व विभाग आदि के 1475 मामले एवं विभिन्न न्यायालयों द्वारा 790 मामले निस्तारित किये गये। मोटर दुर्घटना प्रकरण में प्रतिकर तथा उत्तराधिकार प्रमाण पत्र व अन्य मामलों में कुल मु. 1,37,88,719 के संबंध में आदेश न्यायालय द्वारा पारित किया गया। जनपद के टेलीफोन, बीमा कम्पनी व विभिन्न बैंक के बकाया ऋण संबंधी प्री- लीटिगेशन के कुल 545 मामले निस्तारित किये गये, जिसके द्वारा लगभग ₹ 20610921 के बकाया बिल एवं ऋण वसूली की कार्यवाही पूर्ण हुई है।
प्रभारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण घनश्याम शुक्ल द्वारा जनपद न्यायालय के कर्मचारीगण, अधिवक्तागण, मीडियाकर्मी तथा पुलिस एवं प्रशासन विभाग द्वारा सहयोग हेतु आभार व्यक्त करते हुए आशा व्यक्त की गई कि वे इसी प्रकार से आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में सहयोग प्रदान करते रहेंगे।
इस अवसर पर जनपद न्यायाधीश ने अपने सम्बोधन में कहा कि लोक अदालत के माध्यम से न सिर्फ मुकदमों का निस्तारण किया जाता है बल्कि समाज के लोगों के मध्य परस्पर वैमनस्यता भी समाप्त हो जाती है। उन्होंने लोक अदालत की सफलता पर प्रभारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को बधाई देते हुए समस्त न्यायिक अधिकारीगण, वादकारीगण, अधिवक्तगण के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्हें सहयोग देने हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया।

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