कृष्ण जन्माष्टमी 2019,शुभ मुहूर्त

कृष्ण जन्माष्टमी 2019,
गाजीपुर। भगवान विष्णु के अवतार,भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन को जन्माष्टमी के रुप में मनाने की परम्परा है। श्रीकृष्ण एक ऐसे अवतार हैं जिन्होंने जीवन के विभिन्न रुपों को अपनी लीलाओं से प्रदर्शित किया है। एक तरफ उनके बचपन की बाल लीलाएं, तो युवावस्था में रासलीलाएं निस्वार्थ प्रेम भाव को व्यक्त करती हैं। बाद में वे कहीं एक कार्यपालक राजा और हितैषी मित्र के रूप में, तो महाभारत में कुशल नीतिज्ञ व रणनीतिकार के रुप में महाभारत युद्ध के समय गीता के उपदेश से कर्तव्यनिष्ठा और कर्मयोग की जो सीख दी, वह आज भी प्रासंगिक है। कर्मयोगी श्रीकृष्ण के जन्मदिन को हिंदू जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं।
पौराणिक मतानुसार श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि के कंस के कारागार में हुआ था। उस समय सूर्य और चंद्रमा उच्च भाव में विराजमान थे।
इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर अद्भुत संयोग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक जिस तरह द्वापर युग में अष्टमी तिथि को सूर्य और चंद्रमा उच्च भाव में विराजमान थे। ठीक वैसा ही अद्भुत संयोग इस वर्ष की जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र में पड़ रहा है। इस बार जन्माष्टमी का पावन पर्व 23 और 24 अगस्त को पड़ रहा है। रोहिणी नक्षत्र, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, उसके आधार पर शुभ मुहूर्त 23 अगस्त को होगा। जबकि
उदया तिथि मानने वाले 24 अगस्त को जन्माष्टमी मनायेंगे। इस वर्ष सप्तमी तिथि 23 अगस्त को सुबह 8 बजकर 9 मिनट तक रहेगी, उसके बाद अष्टमी तिथि आरम्भ होगी जोकि 24 अगस्त को सुबह 8 बजकर 32 मिनट तक रहेगी। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के योग में हुआ था। शुक्रवार, 23 अगस्त को अष्टमी तिथि रहेगी और इसी तारीख की रात में 11.56 बजे से रोहिणी नक्षत्र शुरू हो जाएगा, इस वजह से 23 अगस्त की रात जन्माष्टमी मनाना ज्यादा शुभ रहेगा। इसलिए 23 को व्रत करना शुभ होगा। जन्माष्टमी निशीथ पूजा का समय मध्य रात्रि 12.09 से 12.47 बजे तक है। इस दिन सुंदर सुसज्जित झूला लाकर उसमें कान्हा जी बिठाएं।सम्भव हो तो जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण के नंदलाल स्वरूप का शंख में दूध डालकर अभिषेक करें और हरसिंगार, पारिजात के फूल से पूजन कर माखन और मिश्री का भोग लगाएं। पूजन में तुलसी व मोरपंख का प्रयोग अवश्य करें।
वही वैष्णव संप्रदाय व साधु संतों की कृष्णजन्माष्टमी 24 अगस्त शनिवार को उदया तिथि अष्टमी एवं औदयिक रोहिणी नक्षत्र से युक्त सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग में मनाई जाएगी।

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