शराब फैक्ट्री से बाल मजदूर बरामद

गाजीपुर (उत्तर प्रदेश), 23 जुलाई 2018। आगरा की शराब फैक्ट्री में श्रम विभाग ने छापेमारी कर वहां कार्यरत सभी बाल मजदूरों को मुक्त कराया है। इसमें जिले के शेरपुर गांव के छह बाल मजदूर भी सम्मिलित रहे। आगरा पुलिस ने सभी बाल मजदूरों को शराब फैक्ट्री से छुड़ाने के बाद बाल कल्याण समिति को सौंप दिया था। बाल कल्याण समिति ने बाल मजदूरों से सारी जानकारी लेकर जिले की समिति से सम्पर्क साधा और बाल मजदूरों के परिजनों को सूचित किया। सूचना मिलते ही उनके परिजन बाल कल्याण समिति जा धमके जहां आवश्यक कार्यवाही पूर्ण कर बच्चों को उनके परिजनों को सौप दिया। काफी अर्से से शराब फैक्ट्री में बंधुआ मजदूर की भांति फंसे बच्चे अपने को परिजनों के पास पहुंच चहक उठे।
इस सम्बंध में बताया गया कि पैसे की लालच में उनके परिजनों ने उन्हें छोटी उम्र में ही गांव के एक व्यक्ति के साथ कमाने के लिए आगरा भेंज दिया था। उसने सभी को ले जाकर एक शराब फैक्ट्री में नौकरी पर लगा दिया। कई महीने कार्य करने के बाद भी उन्हें उनकी कुल तो सभी बच्चे वहां से हटना चाहते थे पर छुटकारा नहीं पा रहे थे। इसी दरम्यान श्रम विभाग के शराब फैक्ट्री पर पड़े छापे ने उनकी मदद की और वे बाल कल्याण समिति और फिर चाइल्डलाइन के सहयोग से अपने घर आ पहुंचे।
जिला प्रोबेशन अधिकारी अनिल कुमार सोनकर ने बताया कि सभी बच्चों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। इस दौरान बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष किरण राय, सदस्य बबिता गुप्ता, सुरेश राम, बशिष्ठ कुशवाहा व संरक्षण अधिकारी गीता श्रीवास्तव, प्रमोद पांडेय, सुशील कुमार मिश्र व मनोज पाल आदि मौजूद रहे।

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