उर्स मुबारक !ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती दरबार

अजमेर ,19 मार्च 2018।चांद दिखने के बाद ख्वाजा गरीब नवाज का 806 वां उर्स मुबारक आज 19 मार्च से विधिवत रूप से शुरू हो गया। इससे पहले कल (ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स से एक दिन पहले) दरगाह में जन्नती दरवाजा खोला गया था । इस अवसर उर्स में आने वाली भारी भीड़ और जायरिनों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए पश्चिम रेलवे ने जायरिनों के लिए खास इंतज़ाम करते हुए उनके सफर को आराम दायक बनानेेका ध्यान रखा है। इस बार पिछली बार की तुलना में रेलगाड़ियों की संख्या में इजाफा किया गया है। अजमेर के आस पास के रेलवे स्टेशन पर भी जायरिनों के पहुंचने की व्यवस्था की गई है। रेल विभाग ने स्टेशन पर जायरीनाें को 15 रुपये में खाना उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है।
ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के दरबार में लाखों जायरिनों हर साल देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी हर साल अजमेर उर्स में शिरकत करने पहुंचते हैं। उन्हें परेेशानी से बचाने के लिए इस बार उत्तर पश्चिम रेलवे ने अजमेर स्टेशन पर खास इंतज़ाम किये है। अजमेर मंडल के रेलवे स्टेशन पर भी यात्रियों के पहुंचने के लिए बरौनी से मदार तक उर्स स्पेशल रेलगाड़ी का संचालन किया जा रहा है।

यह माना जाता है कि मोइनुद्दीन चिश्ती का जन्म ५३६ हिज़री संवत् अर्थात ११४१ ई॰ पूर्व पर्षिया के सीस्तान क्षेत्र में हुआ था। एकअन्य खाते के अनुसार उनका जन्म ईरान के इस्फहान नगर में हुआ बताया गया था। अपने इल्म के बूते चिस्ती तरीक़े के सूफी संतमोइनुद्दीन साहब के तकरीबन हज़ारों खलीफ़ा और लाखों मुरीद थे। कई पन्थों के सूफ़ी भी इनसे आकर मिलते और चिश्तिया तरीके से जुड़ते रहे। जिसमें प्रमुख कुतुबुद्दीन बख्तियार, बाबा फरीद , निजामुद्दीन औलिया, हजरत अहमद अलाउद्दीन साबिर कलियरी, अमीर खुशरो,नसीरुद्दीन चिराग दहलवी, बन्दे नवाज, असरफ जहाँगीर व अता हुसैन फानी आदि रहे। विभिन्न धर्मों जिन में मुस्लिम, हिन्दू, सिख, ईसाई व अन्य धर्मों के जायरीन भी पाक उर्स के मौके पर हाज़िरी लगा दुआख्वानी करने आते हैं।

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