बजट उत्तर प्रदेश – जिले में विश्वविद्यालय की मांग रही अधूरी

विकास का दंभ भरने वाली भाजपा विश्वविद्यालय की मांग पर मौन 


विद्यार्थियों व शिक्षा जगत से जुड़े लोगों की टूटी आस

गाजीपुर। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा गुरुवार को 8 लाख करोड़ से अधिक का बजट पेश कर प्रदेश में खुशहाली लाने का काम किया गया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सुबह 11 बजे 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ 6 लाख रुपये का ऐतिहासिक बजट विधानसभा में पेश किया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने इसे प्रदेश के आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि यह बजट वर्ष 2024-2025 के बजट से 9.8 प्रतिशत अधिक है, जिससे राज्य की आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट प्रदेश की आर्थिक मजबूती, औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। सरकार का लक्ष्य उत्तर प्रदेश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ना है।

     भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष के बजट से यह 9.8 फिसदी ज्यादा का बजट है, जो उत्तर प्रदेश के सामर्थ्य क्षमता में अतुलनीय वृद्धि का स्पष्ट संकेत है। भाजपा जिलाध्यक्ष ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास को तेज गति प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि चार नये एक्सप्रेस वे का निर्माण,58 नगर पालिकाओं को स्मार्ट सिटी की घोषणा सहित विज्ञान के साथ-साथ अध्यात्म को भी मान मिले इसलिए बांके बिहारी कारडोर के लिए भी सरकार ने बजट अवमुक्त किया है। हर क्षेत्र में विकास के अवसर उपलब्ध करने मे सक्षम, सर्वव्यापी , सर्वस्पर्शी, तथा सर्व विकासोन्मुख,गरीब, किसान, नौजवान महिलाओं को समर्पित बजट है।

         इसी क्रम में पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष और विश्वविद्यालय निर्माण मंच के अध्यक्ष दीपक उपाध्याय ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि

इस बजट में भी गाजीपुर के सपनों का गला घोंटा गया है। जनपद में विश्वविद्यालय की स्थापना की वर्षों पुरानी मांग एक बार फिर दरकिनार कर दी गयी है। विद्यार्थियों, शोधार्थियों,  समाजसेवियों, साहित्यिकारों एवं बुद्धिजीवियों की उम्मीदों पर एक बार फिर योगी सरकार ने पानी फेर दिया है। यह बजट गाजीपुर के विकास के प्रति सरकार की उदासीनता को दर्शाता है। इससे जनपदवासियों विशेष कर युवाओं ,व छात्र छात्राओं में रोष और निराशा व्याप्त है। पीजी कॉलेज मलिकपुरा के छात्रों का कहना रहा कि यह बजट गाजीपुर के युवाओं के भविष्य के साथ क्रूर मजाक है। गाजीपुर की युवा पीढ़ी को उच्च शिक्षा के लिए दर-दर भटकने पर मजबूर किया जा रहा है। 

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