गुरु के प्रति समर्पण का पर्व है गुरु पूर्णिमा 

गाजीपुर। सनातनी परंपरा में गुरु को ईश्वर के समतुल्य माना गया है। वैदिक काल से गुरु शिष्य की जो अभूतपूर्व परंपरा रही है उसमें  गुरु को विशेष स्थान पर रखा गया है। गुरु के प्रति आस्था, विश्वास और समर्पण की भावना रखने वाले शिष्यों को सदैव यश की प्राप्ति होती है। महाराज दशरथ के पुत्र राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम बनाने में गुरु वशिष्ठ की, श्री कृष्ण को योगीराज बनाने में गुरु सांदीपनि की तथा भीलनी शबरी को साध्वी योगिनी बनाने में गुरु मातंग ऋषि की महत्वपूर्ण भूमिका रही है जिसके बल पर ऐसे लोगों ने अपने कीर्ति स्थापित की है। इसी प्रकार गुरुओं के आशीर्वाद से ज्ञानी शिष्य अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है। इसीलिए हर वर्ष गुरु पूर्णिमा का पर्व विधि विधान के साथ मनाया जाता है और लोग गुरु कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु लालायित होते हैं। 


         इसी क्रम में गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व जिले में श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया गया। सभी देवालयों पर भक्त जनों ने उपस्थित होकर गुरु के चरणों में नतमस्तक हो कर पूजन अर्चन कर गुरु का आशीर्वाद प्राप्त किया।                                                   इस अवसर पर जखनियां तहसील क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध सिद्ध शक्तिपीठ हथियाराम मठ में जगतजननी मां जगदम्बा की प्रतिरुप बुढ़िया माई के दर्शनोपरांत मठ के पीठाधीश्वर तथा जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन यति जी महाराज के चरणकमलों के वंदन का सौभाग्य उपस्थित श्रद्धालुओं व भक्तों को प्राप्त हुआ। 

       इससे पूर्व सिद्धपीठ पर जूटे भारी संख्या में शिष्य श्रद्धालुओं के बीच सर्वप्रथम श्री यति जी महाराज ने अपने ब्रह्मलीन गुरु व सिद्धपीठ के पूर्व पीठधिपति महामंडलेश्वर स्वामी बालकृष्ण यति जी महाराज के श्री विग्रह का पूजन अर्चन कर आरती उतारी।         

       भक्तों को  सम्बोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन जी ने कहा कि मानव जीवन में गुरु का स्थान सर्वोपरि है। गुरु वह होता है  जो शिष्यों को सही मार्ग पर लाता है। किसी भी व्यक्ति को महान बनाने में गुरु का आशीर्वाद स्वरुप मार्गदर्शन प्राप्त होता है। बिना गुरु के मार्गदर्शन के मानव जीवन का कल्याण संभव नहीं है। उन्होंने शिष्य को संबोधित करते हुए कहाकि व्यक्ति के जीवन में गुरु कृपा का विशेष महत्व होता है। आज गुरु की पूजा करने का दिन बडा ही शौभाग्य से मिला है ।आज के दिन गुरु का आशीर्वाद जिसे प्राप्त हो वह बड़ा ही सौभाग्यशाली हैं। सत्संग में आना अच्छा है, जहां पर धर्म की प्राप्ति होती है। सत्संग के भाव को लेकर श्री यति जी ने कहाकि जैसे एक भंवरा बगीचे में रस लेकर शहद बनाकर शहद का रस लेकर मस्त  होता है।  उसी तरह  मैं विद्वतजनों के बीच रहकर में प्रसन्नचित  रहता हूं। मैं शिष्यो के कल्याण के लिए परमात्मा से प्रार्थना करता हूं। भक्ति व आस्था के प्रति शिष्य हैं। जीवन में प्रसन्नता पाना है जो गुरु प्रसाद उनकी वाणी को ग्रहण करें। कार्यक्रम में काफी संख्या में वक्ताओं ने गुरु महिमा का बखान भी किया।                    इस अवसर पर डॉक्टर रत्नाकर त्रिपाठी, देवरहा बाबा, डॉक्टर मंगला सिंह, पूर्व कमिश्नर जितेंद्र मोहन सिंह, राजेश्वर सिंह, विजेंद्र राय, भानु प्रताप सिंह, डॉ सानंद सिंह, डॉ ओपी सिंह बी एच यू , अखिलेश सिंह भरौली, रमेश यादव जिला पंचायत सदस्य , शिवानंद सिंह झुन्ना, काशी के वैदिक विद्वानों सहित काफी संख्या में श्रद्धालु जन उपस्थित रहे। उपस्थित भक्तजनों ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण कर अपने को धन्य किया।

     इसी प्रकार भुड़कुड़ा मठ में भक्तजनों ने श्रद्धेय मठाधीश शत्रुघ्न दास का पूजन अर्चन कर उनका आशिर्वाद प्राप्त किया। भक्तों ने मठ परिसर में मौजूद पूर्व संत मठाधीशों की समाधियों का पुजन अर्चन कर मत्था टेका। 

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