सावन में दुर्लभ योग के साथ बन रहा है हरिहर उपासना करने का अद्भुत संयोग

अधिमास के  कारण आठ सोमवार के साथ 59 दिनों का रहेगा सावन 

शिव और बिष्णु भक्तों हेतु कई वर्षों के बाद बन रहा है ऐसा दुर्लभ संयोग 

हिन्दु धर्मावलंबियों व सनातनी परम्परा के अनुसार सावन का महीना देवाधिदेव महादेव को समर्पित है। शिव भक्तों द्वारा इस पवित्र महीने में भगवान शिव की उपासना की जाती है। कहा जाता है कि सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और सावन का हर सोमवार को भगवान शिव की उपासना करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है। साथ ही व्यक्ति की मनोकामना भी पूरी होती है। 

       श्रावण मास की शुरुआत कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। इस बार सावन का महीना अधिमास के कारण करीब 2 महीने का होगा। इस बार सावन में 8 सोमवार पड़ने वाले हैं।

    बताते चलें कि पंचांग की गणना सौर मास और चंद्रमास के आधार पर की जाती है। चंद्रमास 354 दिनों का होता है और सौर मास 365 दिन का। ऐसे में प्रति वर्ष 11 दिन का अंतर आता है और 3 साल के अंदर यह अंतर 33 दिन का हो जाता है। जिसे अधिमास कहा जाता है। इस बार अधिमास से सावन दो महीना का होगा और भोलेनाथ के भक्तों को उनकी उपासना करने के लिए 8 सोमवार मिलेंगे।

           ज्योतिषाचार्य पं.अतुल शास्त्री बताते हैं कि हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार सावन मास की शुरुआत 4 जुलाई 2023 से होगी और 31 अगस्त 2023 तक रहेगा। इसमें 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिमास रहेगा, यानी इस बार भक्तों को भगवान शिव की उपासना के लिए कुल 58 दिन मिलने वाले हैं। कहा जाता है कि यह शुभ संयोग 19 साल बाद बना है।

  “शिवस्य हृदये विष्णु: विष्णोश्च हृदये शिव:।” अर्थात् भगवान शंकर के हृदय में विष्णु का और भगवान विष्णु के हृदय में शंकर का बहुत अधिक स्नेह है। इस बार सावन में भगवान शिव के साथ साथ भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होगी। 

        ज्योतिषाचार्य पंडित अतुल शास्त्री ने बताया कि जो व्यक्ति सावन के सोमवार का व्रत करता है उसके वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है साथ ही जीवन में सुख समृद्धि की कमी भी नहीं रहती है। सावन के महीने में भगवान शिव पर धतूरा, बेलपत्र चावल चंदन, शहद आदि जरूर चढ़ाना चाहिए। सावन के महीने में की गई पूजा से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा सावन के सोमवार का व्रत करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। साथ ही आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। इसके पीछे की मान्यता यह हैं कि दक्ष पुत्री माता सती ने अपने जीवन को त्याग कर कई वर्षों तक श्रापित जीवन जीया. उसके बाद उन्होंने हिमालय राज के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया. पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए पूरे सावन महीने में कठोरतप किया जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी मनोकामना पूरी की। अपनी भार्या से पुन: मिलाप के कारण भगवान शिव को श्रावण का यह महीना अत्यंत प्रिय हैं। यही कारण है कि इस महीने कुमारी कन्या अच्छे वर के लिए शिव जी से प्रार्थना करती हैं। मान्यता हैं कि सावन के महीने में भगवान शिव ने धरती पर आकार अपने ससुराल में विचरण किया था जहां अभिषेक कर उनका स्वागत हुआ था इसलिए इस माह में अभिषेक का महत्व बताया गया हैं। पौराणिक कथाओं में वर्णन आता है कि इसी सावन मास में समुद्र मंथन किया गया था। समुद्र मथने के बाद जो हलाहल विष निकला, उसे भगवान शंकर ने कंठ में समाहित कर सृष्टि की रक्षा की; लेकिन विषपान से महादेव का कंठ नीलवर्ण हो गया। इसी से उनका नाम ‘नीलकंठ महादेव’ पड़ा। विष के प्रभाव को कम करने के लिए सभी देवी-देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया। इसलिए शिवलिंग पर जल चढ़ाने का ख़ास महत्व है। यही वजह है कि श्रावण मास में भोले को जल चढ़ाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में वर्णित है कि सावन महीने में भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं। इसलिए ये समय भक्तों, साधु-संतों सभी के लिए अमूल्य होता है। यह चार महीनों में होने वाला एक वैदिक यज्ञ है, जो एक प्रकार का पौराणिक व्रत है, जिसे ‘चौमासा’ भी कहा जाता है; तत्पश्चात सृष्टि के संचालन का उत्तरदायित्व भगवान शिव ग्रहण करते हैं। इसलिए सावन के प्रधान देवता भगवान शिव बन जाते हैं। मरकंडू ऋषि के पुत्र मारकण्डेय ने लंबी आयु के लिए सावन माह में ही घोर तप कर शिव की कृपा प्राप्त की थी, जिससे मिली मंत्र शक्तियों के सामने मृत्यु के देवता यमराज भी नतमस्तक हो गए थे।

       जानिए ज्योतिषाचार्य पंडित अतुल शास्त्री से सावन में विशेष उपाय–

अगर आप के घर में धन की कमी हो तो आप सावन भर शमी के पेड़ की जड़ शिवजी को चढ़ाएं। उस के बाद उस जड़ को लाकर अपनी तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से आप के जीवन में धन का संकट दूर होगा। 

अगर आप को कोई भी कार्य करने में बार-बार असफलता मिल रही हैं, तो सावन में सोमवार के दिन 21 बेल पत्रों पर चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। आप के काम में आ रही बाधा दूर हो जाएगी। अगर आप के जीवन से कष्ट खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहें तो सावन के महीने में शिवलिंग पर दही चढ़ाएं। बताया जाता है, कf भगवान शंकर को दही बहुत पसंद हैं। अगर आप शिवलिंग पर दही चढ़ाते हैं, तो आप के जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।अगर आप की शादी में कोई बाधा आ रही हो तो सोमवार के दिन शिवलिंग पर दूध में केसर मिला कर चढ़ाएं। ऐसा करने से शादी में आने वाली बाधा दूर हो जाती है। अगर आप की किस्मत आपका साथ नहीं दे रही तो आपको सावन के महीने में बैल को हरा चारा  खिलाना चाहिए। बैल को नंदी का रूप कहा जाता है, ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ बेहद प्रसन्न होते हैं।

अगर आप अपनी आमदनी के साधना बढ़ाना चाहते हैं, तो सावन के महीने में मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं। ऐसा करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं और राहु-केतु ग्रह के बुरे असर से भी छुटकारा मिलता है।  

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