साहित्यकार विजयानन्द केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा में हुए सम्मानित 

गाजीपुर। जखनियां तहसील क्षेत्र के बखरा निवासी वरिष्ठ कवि डॉ विजयानंद को भारत सरकार के केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा की ओर से अंतर अटल बिहारी बाजपेई अंतर्राष्ट्रीय सभागार में वरिष्ठ कवि के रूप में सम्मानित किया गया। उक्त जानकारी भारतीय संस्कृति एवं साहित्य संस्थान के सचिव अमरेन्द्र ने देते हुए बताया कि दो दिवसीय इस समारोह में भारत के विभिन्न प्रदेशों के अलावा ब्रिटेन,मारीशस, चीन, अमेरिका, नार्वे आदि के कवि साहित्यकार प्रतिभा कर रहे हैं। उल्लेख्य है कि साहित्यकार विजयानन्द वर्तमान में प्रयागराज के हवेलिया में रहकर साहित्य साधनारत हैं। इनका प्रथम काव्य संग्रह सन्-1985 ई० में “संबोधन” नाम से प्रकाशित हुआ था और तभी से वे हिंदी साहित्य की अनवरत सेवा में संलग्न हैं। ये प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ.जगदीश गुप्त की ” त्रयी ” पत्रिका में सहयोगी संपादक रहे। आपका 90 वर्षीय स्वाधीनता आंदोलन पर आधारित “समरभूमि” महाकाव्य भी खूब चर्चा में रहा।अब तक हिंदी साहित्य की विभिन्न विधाओं में इनकी मौलिक, अनुदित तथा संपादित लगभग 81पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इन्हें उत्कृष्ट लेखन के लिए वर्ष 2002 में उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ द्वारा “मोहन राकेश नाटक पुरस्कार”, वर्ष 2014 ई० में “बाल साहित्य सम्मान”, हिंदुस्तानी एकेडेमी के भारतेंदु हरिश्चंद्र सम्मान 2020 ई०,भाषासमन्वय वेदी, केरल का सुब्रह्मण्य भारती सम्मान 2020 तथा हिंदी अकादमी, मुंबई के शिक्षारत्न सम्मान 2021से पुरस्कृत तथा देश- विदेश की अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। संप्रति आप भारतीय संस्कृति एवं साहित्य संस्थान, प्रयागराज के अध्यक्ष तथा अखिल भारतीय हिन्दी महासभा, विश्व हिंदी महासभा, नईदिल्ली के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

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