युवा ब्राह्मण एकता मंच की पहल से लौटी गांव की रौनक 

सामाजिक चेतना जागरण ने क़ायम किया शांति, सद्भाव और एकता का वातावरण गाजीपुर। आधुनिकता की चकाचौंध और आगे बढ़ने की ललक के चलते भाईचारे व सामाजिक सौहार्द से दूर व गंवई राजनीति के चलते बढ़ते आपसी वैमनस्य ने पांच दशक पहले गांव की एकता, अखंडता और भाईचारे की मिशाल को पत्तों की तरह तोड़कर रख दिया। यह कहानी है जनपद के विकास खंड जखनियां की ग्राम पंचायत मुस्तफाबाद उर्फ बड़ागांव अन्तर्गत खड़ौरा गांव के ब्राह्मण बस्ती की। आपसी मतांतर, बैचारिक मतभेद,कुटनीतिक आचार व्यवहार और गांव के कमजोर वाशिंदों पर वर्चस्व की राजनीति ने पूर्वजों द्वारा स्थापित गांव की खुशनुमा परंपरा को दीमक की तरह खोखला कर दिया। गांव की बिगड़ती आबोहवा से मर्माहत गांव के शिक्षित, कर्मठ और होनहार युवकों के दल ने गांव की लुप्त होती आदर्श परम्परा को पुनः पटरी पर लाने का संकल्प लेकर सामाजिक चेतना का जागरण किया। युवा पीढ़ी ने युवा ब्राह्मण एकता मंच के बैनर तले, अपने कथक प्रयास से वह कर दिखाया जिसे करना किसी व्यक्ति विशेष के लिए सम्भव नहीं था। वहां के होनहार युवकों ने अपनी सोच को पंख देने के लिए सबसे पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एकता का शंखनाद किया। उसके बाद बस्ती के हर घर का मोबाइल नंबर वाट्सएप से जोड़ा। फिर अपने लक्ष्य को कामयाबी के पथ पर गतिमान करने के लिए विचारों का आदान प्रदान शुरू किया। धीरे धीरे मेहनत रंग लाई और लोग मिलते गए, कारवां बनता गया। गांव के नौकरी पेशा परदेशी युवकों ने भी गांव की खुशीहाली के लिए अच्छा खासा आर्थिक बजट उपलब्ध कराया। इससे उत्साहित युवकों ने पारंपरिक लोक पर्व छठ को भव्यता के साथ सम्पन्न कराया तो वहीं गांव की सीवान में स्थापित करीब नौ दशक पुराने काली माता मंदिर पर पेयजल हेतु जल निगम की हैन्डपाइप उपलब्ध कराया और मंदिर की साफ सफाई व रंग रोगन कराकर रमणीयता प्रदान किया। गांव के मंदिर पर सामूहिक श्रावणी पूजा के साथ विगत चार वर्षों से काली माता मंदिर पर वार्षिक समारोह आयोजित कर श्री रामचरित मानस का संगीतमय पाठ के अलावा भव्य तरीके से हवन पूजन और प्रसाद वितरण के साथ शुद्ध सात्विक भंडारे का भी आयोजन होता है। गत वर्ष भक्ति मय वार्षिक समारोह में गांव के बड़े बुजुर्गो को सम्मानित कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। गांव में अब नयी सोच विकसित होने लगी है और हर घर यथाशक्ति सहयोग कर रहा है। इससे मंदिर के बरामदे में स्टील की रेलिंग के साथ साथ मंदिर के अंदर और बाहर मनपसंद और कीमती मार्बल लगा जो मंदिर को भव्यता प्रदान कर रहा है। वहीं इससे युवा ब्राह्मण एकता मंच के सदस्यों का मनोबल भी बढ़ा है। इसके लिए गांव के प्रमुख व्यक्ति द्वय(सुरेश पाण्डेय पुत्र स्व०बासुदेव पाण्डेय और‌ मनोज कुमार पांडेय पुत्र स्व०रामाश्रय पाण्डेय) का काली माता मंदिर के प्रति समर्पण का भाव बढ़ा है। मंदिरों के निर्माण के पीछे सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे संतु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु,माकश्चिद् दुःख भाग्भवेत् का भाव है। गांव के सकल नर-नारी समाज में आयु, विद्या, यश और बल तथा संपूर्ण विकास हो और लोग एक दूसरे के साथ सहयोग की भावना से आगे बढ़ें। युवा ब्राह्मण एकता मंच अपने अध्यक्ष और सदस्यों के नेतृत्व में नित नई सोच और सहयोग के साथ आगे बढ़ रहा है। गांव में आधा दर्जन देवालय हैं। जैसे बुढ़वा महादेव, स्व०पंडित विश्वनाथ पाण्डेय के घर के समीप का शिव मंदिर, रामअवतार पाण्डेय के के घर के समीप का शिव मंदिर, राजेन्द्र पाण्डेय के घर के समीप स्थित देई माता का मंदिर, स्व०पारसनाथ पाण्डेय के घर के समीप के श्रीकृष्ण मंदिर पर कार्य होना शेष है।रिपोर्ट – गौरीशंकर पाण्डेय

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