साहित्यकार विजयानन्द को लखनऊ का भाषारत्न भारतेंदु हरिश्चंद्र सम्मान

गाजीपुर। इंटीग्रेटेड सोसायटी आफ मीडिया प्रोफेशनल,लखनऊ द्वारा साहित्यकार डॉ.विजयानन्द को उनकी दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए हिंदी भाषारत्न भारतेंदु हरिश्चंद्र सम्मान से पुरस्कृत किया जायेगा।
यह सम्मान उन्हें रत्नागिरी, महाराष्ट्र में आयोजित अधिवेशन में 11-12 नवंबर को प्रदान किया जाएगा।
उल्लेख्य है कि भारतीय संस्कृति एवं साहित्य संस्थान, प्रयागराज के अध्यक्ष, अखिल भारतीय हिन्दी महासभा व विश्व हिंदी महासभा, नईदिल्ली के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष साहित्यकार विजयानन्द जिले के मनिहारी क्षेत्र के निवासी हैं और प्रयागराज के हवेलिया में रहकर साहित्य साधनारत हैं।
इनका प्रथम काव्य संग्रह सन्- 1985 ई० में “संबोधन” नाम से प्रकाशित हुआ था। प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ.जगदीश गुप्त की “त्रयी” पत्रिका में सहयोगी संपादक के रूप में कार्य कर चुके हैं। आपका 90 वर्षीय स्वाधीनता आंदोलन पर आधारित “समरभूमि” महाकाव्य काफी चर्चा में रहा। हिंदी साहित्य की विभिन्न विधाओं में इनकी मौलिक, अनुदित तथा संपादित 81 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इन्हें उत्कृष्ट लेखन के लिए वर्ष 2002 में उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ द्वारा “मोहन राकेश नाटक पुरस्कार”, वर्ष 2014 ई० में “बाल साहित्य सम्मान”, हिंदुस्तानी एकेडेमी के भारतेंदु हरिश्चंद्र सम्मान -2020 ई०,भाषासमन्वय वेदी, केरल का सुब्रह्मण्य भारती सम्मान 2020 तथा हिंदी अकादमी, मुंबई के शिक्षारत्न सम्मान 2021 से पुरस्कृत तथा देश- विदेश की अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।

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