सुरक्षित प्रसव के लिए प्रसव पूर्व जांच जरूरी

 हर माह की नौ तारीख को आयोजित होता है प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान(पीएमएसएमए) दिवस

गाजीपुर। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस की अहम भूमिका है। समय से प्रसव पूर्व जांच कर प्रसव की जटिलताएं दूर की जा सकती हैं। यह अभियान जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रत्येक माह की नौ तारीख को आयोजित किया जाता है।
    एसीएमओ व नोडल अधिकारी डॉ के के वर्मा ने बताया कि गर्भवती के सुरक्षित प्रसव के लिए विभाग द्वारा हर माह की नौ तारीख को जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत कैंप लगाया जाता है।  इसमें महिलाओं को नि:शुल्क प्रसव पूर्व जांच जैसे ब्लड प्रेशर, ब्लड टेस्ट, हीमोग्लोबिन जांच आदि के साथ ही अन्य सेवाएँ व परामर्श दिया जाता है। यदि जांच में महिलाएं उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) के लिए चिन्हित होती हैं तो उन्हें तत्काल जिला अस्पताल के लिए रेफर किया जाता है।
डॉ वर्मा ने बताया कि जनपद में अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 के बीच 8403 गर्भवती की  जांच हुई, जिसमें तीन माह के गर्भधारण के बाद 6745 गर्भवती ने जांच कराई। जांच में कुल 609 गर्भवती उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) वाली पाई गईं। एचआरपी महिलाओं को उनकी स्वास्थ्य समस्याओं के आधार पर अलग चिह्नित किया जाता है जिससे डॉक्टर/विशेषज्ञ के परामर्श से प्रसव के समय कोई परेशानी न आए और सुरक्षित प्रसव कराया जा सके।
   बताया गया कि मुहम्मदाबाद ब्लाक के रायपुर गांव की रहने वाली महिला रोशनी (21 वर्ष) को इसी वर्ष 23 जनवरी को पहला बच्चा पैदा हुआ। आशा कार्यकर्ता के माध्यम से वह लगातार प्रत्येक माह की नौ तारीख को स्वास्थ्य केंद्र पर जाती थी। इस दौरान डॉक्टर ने हीमोग्लोबिन कम होने की बात कही, लेकिन डॉक्टर व आशा के कुशल देख-रेख ने उनका सुरक्षित प्रसव हुआ। आज मां और बच्चे दोनों स्वस्थ हैं। वहीं केशवपुर की रहने वाली महिला मधु (25 वर्ष) का पहला बच्चा विकलांग हुआ था जबकि दूसरा बच्चा इसी वर्ष 4 फरवरी को हुआ। जिन्हें पहले हाई रिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) के तहत चिन्हित किया गया था। लेकिन स्वास्थ्य केंद्र में समय-समय पर जांच हुई और दूसरा बच्चा स्वस्थ पैदा हुआ है।

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