हौशिला प्रसाद अन्वेषी की नयी रचना
अंतिम सत्य बताओ भाई ।
भौतिकता मत गाओ भाई ।।
धरती को दुख देने वालों ।
अब थोड़ा रुक जाओ भाई ।।
कहां कोरोना बांट रहे हो ।
कुछ तो धर्म निभाओ भाई।।
मानवता के लिए एक दिन ।
अगला कदम बढ़ाओ भाई ।।
अस्त्र-शस्त्र बेकार बात है।
शांति यहां फैलाओ भाई।।
पागलपन की रेस छोड़कर।
सब को सुखी बनाओ भाई ।।
क्या तेरा क्या मेरा जग में।
समझ समझ समझाओ भाई।।
दीन दुखी को मानव समझो।
उनको गले लगाओ भाई ।।
अपने वैभव से ज्यादा ही ।
उन पर प्यार लुटाओ भाई ।।
जाते-जाते इस जीवन में ।
कुछ इतिहास बनाओ भाई ।।
मानवता नैतिकता कोही ।
साथी आज बनाओ भाई ।।
वे जो तिकड़म खेल रहे हैं।
उनको भी समझाओ भाई ।।
सही शब्द को सही अर्थ में ।
सही जगह बैठाओ भाई ।।
शब्द विपर्यय बहुत तेज है।
कुछ तो अकल लगाओ भाई ।।
सत्य अहिंसा परम धर्म है ।
इसको ही अपनाओ भाई ।।
खोए हो तुम व्यर्थवाद में ।
जागो और जगाओ भाई ।।
अंतिम सत्य बताओ भाई ।
भौतिकता मत गाओ भाई ।।
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