भारतीय संस्कृति एवं संस्कार की सुरक्षा के लिए संघ निरंतर प्रयत्नशील

सादात(गाजीपुर)। अनुशासन किसी भी समाज और राष्ट्र को महान बनाता है। भारत ही नहीं वरन दुनिया का सबसे बड़ा संगठन आरएसएस भी अनुशासन में रहकर कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
उक्त उद्गार सिद्धपीठ हथियाराम के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नंदन यति महाराज ने सादात ब्लाक के खाजेपुर स्थित माता दुलारी रामाश्रय शिक्षण संस्थान के सभागार में आरएसएस के सप्तदिवसीय जनपदीय प्राथमिक शिक्षा वर्ग प्रशिक्षण शिविर में गुरुवार को बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति एवं संस्कार की सुरक्षा के लिए संघ निरंतर प्रयत्नशील है। जिस राष्ट्र की संस्कृति एवं सभ्यता सिंधु सभ्यता से जुड़ी है, वही हिंद है। यहां रहनें वाले सभी हिंदू हैं, जिनकी भाषा हिंदी है। हिंदू संस्कृति आर्य संस्कृति से है, जिसके संवाहक मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम रहे हैं। जब दुनिया के देशों को शांति की आवश्यकता होती है तब वह भारत की तरफ़ देखता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य वही है जिसके अंदर मनुष्यता हो। मनुष्य अपने चरित्र से ही मनुष्य बनता है।
इससे पूर्व सात दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के छठवें दिन आयोजित विशेष कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि ने संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार, गुरु गोलवलकर व भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम में सह जिला संघ चालक पारसनाथ राय, सह विभाग कार्यवाह आनंद मिश्रा, जिला कार्यवाह डा. नागेन्द्र सिंह, वर्ग कार्यवाह अशोक, जिला प्रचारक कमलेश, भाजपा जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह, पूर्व ब्लाक प्रमुख संतोष यादव, अशोक पाण्डेय, अजय सहाय, रघुवंश सिंह पप्पू, रामाश्रय मिश्रा, इंद्रजीत सिंह, फैयाज अहमद, आलोक रंजन सिंह, लौटू प्रसाद, दिनेश सिंह सिंटू आदि लोग उपस्थित रहे।

Visits: 94

Leave a Reply