श्रीराम मंदिर निर्माण – महामंडलेश्वर ने सौंपा 1 करोड़ 1 लाख 1 हजार एक सौ एक रूपये की समपर्ण निधि

गाजीपुर। अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम राम की जन्म स्थली पर बनने वाले भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण हेतु भक्त श्रद्धालुओं द्वारा यथाशक्ति समर्पण राशि प्रदान किया जा रहा है।
जिले के लिए शुक्रवार का दिन एतिहासिक रहा जब वृद्धंबिका माता के प्रसिद्ध सिद्धपीठ हथियाराम मठ के महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन यति जी महाराज ने शिष्यों के सहयोग से राममंदिर निर्माण में एक करोड़ 1 लाख 1 हजार 101 रुपए समर्पण निधि शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक रमेश जी को सौंपा।
उल्लेखनीय है कि इस विशेष शक्ति पीठ से देश के विभिन्न क्षेत्रों से साथ ही साथ विदेशों के श्रद्धालु जन भी जूड़े हुए हैं। पवित्र सिद्ध पीठ के महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी के आह्वान पर सिद्धपीठ से जुड़े शिष्य श्रद्धालुओं ने समर्पण राशि जमा करने में बढ़चढ़ कर सहयोग किया।

इस अवसर पर महामंडलेश्वर ने उपस्थित भक्तजनों को संबोधित करते हुए कहा कि पवित्र कार्यों में समर्पित सहयोग हमेशा सिद्धकारी होता है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का मंदिर अयोध्या में वर्षों से लंबित रहा है। इस भव्य मन्दिर निर्माण की सहयोग प्रक्रिया में 50 करोड़ हिंदुओं सहित अन्य समाज के लोगों ने समर्पण राशि भेंट किया है। यही हमारे राष्ट्र का गौरव है। श्रीराम मंदिर का निर्माण राष्ट्र गौरव का निर्माण है। भारत का सत्य सनातन धर्म है राम। उनके चरित्र का अनुसरण कर मानव आज भी सारे बन्धनों से मुक्ति पा सकता है। इसकी चर्चा रामचरित मानस में भी है। उन्होंने कहा कि मैं हिंदू ही नहीं बल्कि हिंदू धर्माचार्य भी हूं। सनातन धर्म में सृष्टि निर्माण काल से ही सन्त महात्माओं द्वारा कपड़े की झोली में पवित्र माला रखकर राम राम का जप किया जाता है। ऐसे में अगर राम मंदिर निर्माण के लिए धर्माचार्यों द्वारा भी कुछ किया जाए तो यह उनके लिए सौभाग्य की बात है। सन्त समाज के सहयोग से एक मुट्ठी धनराशि एकत्रित करते हुए उन्होंने समर्पित किया। जिससे अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण कार्य में शामिल होना बताया। उन्होंने तथाकथित धर्माचार्यों की शंकाओं को निर्मूल बताते हुए कहाकि अयोध्या में बनने वाला भव्य श्रीराम मंदिर राष्ट्र गौरव के रूप में स्थापित होगा। इस अवसर पर सिद्धपीठ के जुड़े हुए गाजीपुर,मऊ, चंदौली, बलिया व वाराणसी,गाजीपुर के विभिन्न क्षेत्रों के शिष्य श्रद्धालु उपस्थित रहे।
काशी प्रांत प्रचारक रमेश जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि श्रीराम जन्म भूमि भव्य मन्दिर निर्माण में पूरे प्रदेश में सिद्धपीठ में भव्य आयोजन द्वारा एक संदेश गया है। श्रीराम आस्था व विश्वास के प्रतीक हैं। आज पूरे देश में जो प्रचार हुआ है यह अभियान धन संग्रह का नहीं बल्कि जन संग्रह का अभियान था। यह कार्य राम जी से जोड़ने का अभियान ही नही बल्कि ऊंच-नीच के भेदभाव दूर करने का अभियान है। राम मंदिर का निर्माण भगवान राम की कृपा से हो रहा है। जब राम का चित्र व चरित्र हमारे अंदर होगा तभी भव्य राष्ट्र निर्माण की कल्पना साकार होगी व भारत पुनः विश्व गुरु बनेगा। राम के चरित्र के अनुसरण करने से ही राम राज्य होगा या राम के संस्कार से राम राज्य भी होगा। राम के यहां कोई भेदभाव नहीं है। बताया कि भगवान राम दुश्मन खेमे से आए विभीषण को भी सम्मान दिया था जिसे लाने पर ही रामराज्य पूरा हुआ। राम मंदिर के भूमि पूजन नहीं था बल्कि विश्व गुरु बनने के लिए भूमि पूजन रहा। मंदिर पूरा होने पर भारत जगतगुरु के लिए माना जाएगा। यह अभियान दुनिया में भारत के जगतगुरु होने का सपना पूरा करने के लिए था।

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