पत्रकारों की वास्तविक संख्या ही अज्ञात तो कैसे मिलेगा सरकारी योजनाओ का लाभ

पत्रकारों को सरकारी सुविधाओं का लाभ प्रदान करने से पूर्व, सरकार के पास पत्रकारों की वास्तविक संख्या का होना अति आवश्यक है अर्थात सरकार पत्रकारों के लिए बनाई गयी सरकारी योजनाओ का लाभ तब तक नहीं दे सकती जब तक उन्हे यह ज्ञात न हो कि पत्रकारों की वास्तविक संख्या कितनी है?
उक्त वक्तव्य जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने आज पत्रकारों की बैठक में व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि चाहें केन्द्र सरकार हो या राज्य सरकारें, पत्रकारों की बनाई गयी सरकारी योजनाओ का लाभ तब तक नहीं दे सकती जब तक उन्हे यह ज्ञात न हो कि पत्रकार आखिर हैं कितने।
सरकार के मान्यता प्राप्त पत्रकारों का तो आंकड़ा मौजूद है, परन्तु श्रमजीवी पत्रकारों, स्वतंत्र पत्रकारों व ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े पत्रकारों का आंकड़ा आज भी नहीं है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ माना गया है और लोकतंत्र मे अपनी बात कहने का सभी को पूर्ण अधिकार है। समाज की बातों को सरकार तक पहुंचाने और सरकार की बात को समाज तक पहुंचाने का कार्य पत्रकार करता है। पत्रकार ही उस सच को भी उजागर करता है जिन पर पर्दा पड़ा होता है लेकिन सच का सामना कराने पर आज पत्रकार को या तो झूठे मुकदमों का सामना करना पडता है या उसकी हत्या करवा दी जाती है। पत्रकारों की सुरक्षा हेतु आज पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग काफी लंबे समय से देश के पत्रकार कर रहे हैं परन्तु अब तक, इस पर केवल झारखंड की सरकार ही कुछ काम कर रही है जबकि केन्द्र सरकार और अन्य राज्य सरकारें उदासीन बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि आज पत्रकारिता के क्षेत्र में कई बदलाव की आवश्यकता है। उसमें अहम है कि पत्रकारों हेतु शैक्षिक योग्यता व मापदंड भी निर्धारित हों। जिस समय संविधान निर्माताओं ने प्रेस कानून बनाया था उस समय केवल वुद्धिजीवी वर्ग ही इस क्षेत्र में था और पत्रकारिता के माध्यम से समाज को नई दिशा दिखाता था लेकिन आज परिस्थितियां विपरीत हो गयी हैं और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का अस्तित्व बचाने के लिए कुछ बदलाव की भी आवश्यकता है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने बताया कि पत्रकारों की समस्याओं के निराकरण हेतु एक सुझाव संगठन द्वारा माननीय प्रधानमंत्री जी को भेजा गया है। पत्रकारों की समस्याओं को सरकार के संज्ञान मे लाने का कार्य संगठन करता रहेगा। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा सुझाव पत्र पर होने वाली कार्यवाही की जानकारी के बाद अगली रणनीति तैयार की जायेगी। बैठक में उपस्थित पत्रकारों ने एक स्वर से उनका समर्थन किया।

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