सच्चा गुरु और शिष्य दोनों एक दूसरे के प्रति होते हैं समर्पित – महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन यति

गाजीपुर। भगवान और भक्त के बीच अटूट आस्था और समर्पण का भाव और सम्बन्ध ठीक वैसा ही होता है जैसे मां और बच्चे का होता है। एक करुणामयी मां जैसे बच्चे का ख्याल रखती है। उसी तरह भगवान भी भक्त की चिंता रखते हैं। श्रद्धा, विश्वास और प्रेम के चलते ही भगवान राम को माता शबरी की कुटिया में जाना पड़ा था। यह शास्त्रों में वर्णित है कि भगवान स्वतंत्र न होकर भक्तों के अधीन होते हैं।
ऐसी ही अविस्मरणीय घटना रविवार को सादात बाजार में दिखाई दी, जब सिद्धपीठ हथियाराम के पीठाधिपति व जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी श्री भवानी नन्दन यति जी महाराज अपने अनन्य शिष्य पत्रकार कमल किशोर का हाल जानने उनके घर पहुंच गये। वहां उन्होंने ऑपरेशन कराकर लम्बे समय से शैय्या पर आराम कर रहे पत्रकार कमल किशोर की कुशल क्षेम जानी और उनके परिवार समेत उपस्थित शिष्य-श्रद्धालुओं को अपना आशीर्वाद दिया।
उल्लेखनीय है कि अपने भक्तों की विपत्ति काल में द्रवित होने वाले और सदैव उनके साथ खड़ा रहने वाले हथियाराम के महंत महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन यति ने कहा कि सांसारिक जीवन में पिता-पुत्र, माता-पुत्र या पुत्री, पति-पत्नी वगैरह के संबंध हैं। इसके अलावा संसार में गुरु-शिष्य का संबंध भी है। यह एक ऐसा संबंध है जिसमें सच्चा गुरु और शिष्य दोनों एक दूसरे के प्रति समर्पित होते हैं। इससे पूर्व नगर में प्रवेश करते ही उन्होंने राधा कृष्ण मंदिर में विराजमान राधा कृष्ण की मूर्ति के समक्ष पूजन-अर्चन किया। इसके उपरांत वह वरिष्ठ भाजपा नेता शिवानन्द सिंह मुन्ना के नवीन प्रतिष्ठान का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उद्घाटन किया। इस दौरान योगेश्वर प्रसाद, अंजनी कुमार, मीरा देवी, गायत्री देवी, पीताम्बरा, श्वेता, यश, रत्ना, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष बृजेन्द्र राय, नागेन्द्र सिंह, योगेन्द्र चौबे, अनिल सोनकर, सन्तोष शर्मा, अरविन्द गुप्ता, अनिल चौबे, ऋषभ सिंह, शुभम सिंह, शाश्वत सिंह, परिधि, मधु सिंह, स्नेहा सिंह, सुरेन्द्र मद्धेशिया, किशन सोनी समेत सैकड़ों श्रद्धालु नर-नारी मौजूद रहे। नगर में उनका जगह- जगह फूल माला और अन्य विधाओं से भव्य स्वागत अभिनन्दन किया गया।

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