बाल स्वास्थ पोषण माह का प्रथम चरण 12अगस्त से

गाजीपुर।शिशुओं को विभिन्न बिमारियों से बचाने हेतु बाल स्वास्थ्य पोषण माह के प्रथम चरण का आयोजन जिले में 12 अगस्त से 5 सितम्बर तक किया जायेगा। अभियान के दौरान 09 माह से 05 वर्ष तक के कुल 6.61लाख बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बाल स्वास्थ्य पोषण अभियान के तहद सभी स्वास्थ्य केंद्रों को विटामिन ए की खुराक भेजी गयी हैं। एसीएमओ और सर्विलांस अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य एवं बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के सहयोग से संचालित बाल स्वास्थ्य पोषण माह विटामिन-ए सम्पूर्ण कार्यक्रम टीकाकरण का एक अभिन्न अंग है जो प्रतिवर्ष दो चरणों में जून और दिसम्बर महीने में टीकाकरण सत्रों पर आयोजित किया जाता है। इस बार कोरोना के चलते यह कार्यक्रम देर से से शुरू हुआ है लेकिन इस दौरान पूरे माह चलने वाले कार्यक्रम में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत कार्यक्रम संपन्न होगा। उन्होंने बताया कि एक माह तक चलने वाले इस कार्यक्रम का उद्देश्य 9 माह के शिशुओं से लेकर 5 वर्ष तक के बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि,मृत्यु दर में कमी लाना. रतौंधी एवं कुपोषण से बचाव तथा बच्चों को विटामिन ए की खुराक के साथ-साथ उनको क्या-क्या पोषण आहार दिए जाए इसके प्रति जागरूक किया जाएगा। साथ ही सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को इस अभियान को कोविड 19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सफल बनाने के निर्देश दिए और कहा कि इस कार्य में शिथिलता बर्दास्त नहीं की जाएगी।जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने बताया कि विटामिन ए आंखों के लिए लाभदायक होता है।इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। तथा यह आंखों की रोशनी को तेज कर उसकी मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।उन्होंने बताया कि अभियान के तहत जिले में 6.61 लाख बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी। इनमें 9 से 12 माह के 1.55 लाख, एक से दो साल 1.94 लाख और 2 से 5 साल के 3.62 लाख बच्चे हैं। बच्चों को दवा पिलाने के लिए आशा,आंगनवाड़ी और एएनएम कार्यकर्ता को जिम्मेदारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि टीकाकरण सत्र पर प्रत्येक बच्चे को विटामिन ए की खुराक पिलाने के लिए हर बार एक नई चम्मच की व्यवस्था की जाये और एएनएम द्वारा हर बार खुराक पिलाने के बाद अपने हाथों को सैनेटाईज किया जाये जिससे कोरोना फैलने का खतरा कम हो।सी.एन.एन.एस. 2016-18 के अनुसार प्रदेश में 1 से 4 वर्ष के 16.9 प्रतिशत बच्चे विटामिन ए की कमी से ग्रसित हैं।

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