एसटीएफ ! फर्जी टेण्डर द्वारा धोखाधड़ी कर 9 करोड़ 72 लाख की ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश, चार जालसाज आये गिरफ्त में

लखनऊ,15 जून 2020। एसटीएफ, उत्तर प्रदेश ने पशुपालन विभाग में आटे के ठेका के नाम पर फर्जी टेण्डर के माध्यम से धोखाधड़ी कर 9 करोड़ 72 लाख रूपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर चार जालसाजों को गिरफ्तार करते हुए उनके कब्जे से कुल ₹2832000 बरामद किया है।
उल्लेखनीय है कि इसी क्रम में शिकायतकर्ता द्वारा थाना हजरतगंज जनपद लखनऊ में इस सम्बन्ध में मुकदमा अपराध संख्या0-107/2020 धारा-406, 419, 420, 467,468, 471, 120 बी भा०दवि0 व 7/13 भ्रष्टाचार निवारण अधि 1988 पंजीकृत कराया गया। शिकायतकर्ता मन्जीत सिंह भाटिया उर्फ रिंकू पुत्र स्व0 देवेन्द्र सिंह निवासी बगला नं.-4,25 पुरनीता कालोनी बिचोली हप्सी, इन्दौर मध्य प्रदेश का पशुपालन विभाग में उनके साथ टेण्डर के माध्यम से धोखाधड़ी कर नौ करोड़ 72 लाख की ठगी करने के सम्बन्ध में दिये गये शिकायती पत्र की जाँच एसटीएफ द्वारा की जा रही थी। जाँच के क्रम में एसटीएफ उत्तर प्रदेश को अभिसूचना संकलन के माध्यम से ज्ञात हुआ कि पशुपालन विभाग उ.प्र. के विधानसभा सचिवालय स्थित सरकारी कार्यालय में कुछ सरकारी कर्मियों एवं उनके सहयोगियों द्वारा अपने पद एवं सरकारी कार्यालय एवं संसाधनों का दुरूपयोग कर आर्थिक लाभ प्राप्त किया जा रहा है। इसके सम्बन्ध में प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, उ.प्र. द्वारा एसटीएफ की मुख्यालय की एक टीम गठित कर कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था।
टीम द्वारा शनिवार की देर रात गिरफ्तार अभियुक्तों में आशीष राय पुत्र निवास राय निवासी मकाननं. डी-3/132 विभवखण्ड गोमतीनगर लखनऊ, मूल निवासी ग्राम रायपुर थाना रानी की सराय जनपद आजमगढ़,पशुधन राज्य मंत्री के नीजी सचिव रजनीश दीक्षित पुत्र स्व० चन्द्रशेखर दीक्षित निवासी म0नं0- बी – 372 राजाजीपुरम, लखनऊ, पशुपालन विभाग के विधान सभा सचिवालय स्थित कार्यालय के कर्मचारी धीरज कुमार देव पुत्र श्याम लाल निषाद निवासी मकान नं.-के 104, ग्रीनवुड अपार्टमेन्ट गोमतीनगर विस्तार जनपद लखनऊ तथा पत्रकार ए.के. राजीव उर्फ अखिलेष कुमार पुत्र गया प्रसाद निवसी म.नं. पी – 1, नेहरू इन्कलेव गोमती नगर जनपद लखनऊ रहे। पुलिस ने अभियुक्तों के पास से नगद ₹- 2832000,एक परिचय पत्र, दो 02 कूटरचित परिचय पत्र जिसमें से एक में उ.प्र.शासन क्रमसंख्या-25 वर्ष 2018, एस.के. मित्तल, पद उप निदेशक, खरीद(पशुपालन विभाग) जो प्रमुख सचिव, पशुपालन, मत्स्य एवं दुग्ध विभाग उ.प्र. शासन द्वारा निर्गत किया गया है जिस पर उ.प्र. शासन का लोगो है। प्रेस कार्ड, कोविड-19 का स्टाफ पास, एक आधार कार्ड छह मोबाइल फोन, एक होण्डा सिटी कार न० यूoपी 0- 32- जी० एच0- 7279 एक बन्द अटैची में अभियोग से सम्बंधित दस्तावेज बरामद किया।
बताते चलें कि एसटीएफ टीम द्वारा उस शिकायत से सम्बन्धित सम्पूर्ण घटनाक्रम की जानकारी ली और फिर आरोपीगणों को पूछताछ हेतु एसटीएफ कार्यालय पर बुलाया गया, जहां उनसे पूछताछ की गयी। वहां केस के विवेचक क्षेत्राधिकारी, गोमतीनगर व प्रभारी निरीक्षक, हजरतगंज जनपद लखनऊ अपनी टीम के साथ एस0टी0एफ0 मुख्यालय में उपस्थित रहे।
पूछताछ के मध्य आरोपीगण आशीष राय,रजनीश दीक्षित व धीरज कुमार द्वारा जुर्म स्वीकार करने एवं उनके विरूद्ध प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर एसटीएफ लखनऊ पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया तथा अभियुक्त ए.के राजीव को उसके नेहरू इन्क्लेव स्थित घर से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से उपरोक्त बरामदगी की गयी। गिरफ्तार अभियुक्त आशीष राय ने पूछताछ पर बताया कि पशुपालन विभाग उ0प्र0 के विधानसभा सचिवालय स्थित कार्यालय के प्रधान सचिव रजनीश दीक्षित, उमेश मिश्र सहायक समीक्षा अधिकारी, धीरज कुमार देव (निजी सचिव) संविदा कर्मी और होमगार्ड रघुबीर यादव एवं सचिवालय के सरकारी चालक विजय कुमार आदि के सहयोग से विधानसभा सचिवालय स्थित एक कमरे को एस.के. मित्तल, उपनिदेशक, पशुपालन विभाग तख्ती लगाकर उपयोग करता हूँ। जिसमें मुझे एसके0 मित्तल के रूप में प्रतिरूपित किया जाता था इन्हीं लोगों के साथ मिलकर मैंने मन्जीत सिंह भाटिया उर्फ रिंकू से फर्जी वर्क आर्डर जारी कर कई बार में रू 0097212000 /- धोखाधड़ी कर लिया। इस आपराधिक कृत्य में मोन्टी गुर्जर, रूपक राय, संतोष मिश्र, ए०के० राजीव कथित पत्रकार, अमित मिश्र, उमाशंकर तिवारी, डी0बी0सिंह (दिल बहार सिंह यादव) अरूण राय एवं अनिल राय पत्रकार भी सहयोगी रहे हैं। प्रत्येक बार मंजीत सिंह भाटिया से टेण्डर के एवज में पैसा मिलने पर सभी को उनकी जिम्मेदारी के अनुरूप हिस्सा मेरे द्वारा दिया जाता था। इस धोखाधड़ी से प्राप्त कुछ धन नगद रूप से मेरे विभव खंड स्थित आवास पर रखा है एवं इस अपराधिक कृत्य से संबंधित दस्तावेज पत्रकार ए0के0 राजीव के विश्वासखण्ड स्थित आवास पर रखे हैं जिन्हें मैं चलकर बरामद करा सकता हूँ। गिरफ्तार अभियुक्त रजनीश दीक्षित ने पूछताछ पर बताया कि वह वर्तमान में मा0 राज्यमंत्री पशुधन, मत्स्य एवं दुग्ध विकास उ0प्र0 शासन का प्रधान निजी सचिव के पद पर कार्यरत है। विधानसभा सचिवालय में अलग कार्यालय आवंटित है। मंत्री जी के प्राइवेट निजी सचिव धीरज कुमार देव के माध्यम से आशीष राय से सम्पर्क हआ था, जिनके प्रस्ताव पर एवं करोडो रूपये के लोभ में आकर विधानसभा सचिवालय के सरकारी कमरे को कथित एस० के० मित्तल उप निदेशक, पशुपालन विभाग उ0प्र0 का कार्यालय बताकर आशीष राय को उसमें अधिष्ठापित कराने में सहयोग प्रदान किया, जिससे मंजीत सिंह भाटिया ने झांसे में आकर आशीष राय को उपनिदेशक समझा और टेण्डर के नाम पर कई बार में करोड़ो रूपये दिये। आशीष के साथ मिलकर हम लोगों ने मंजीत को कूटरचित वर्कआर्डर भी दे दिया, जिसके एवज में उसे कई बार में लाखों रूपये प्राप्त हुये। गिरफ्तार अभियुक्त धीरज कुमार देव ने पूछताछ में बताया कि वह सचिवालय में संविदा पर चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्त है। उसने धन के लोभ में आकर विधानसभा सचिवालय के सरकारी कमरे को कथित एस0के0मित्तल, उप निदेशक, पशुपालन विभाग उ0प्र0 का कार्यालय बताकर आशीष राय को उसमें अधिष्ठापित कराने में सहयोग प्रदान किया, जिससे मंजीत सिंह भाटिया ने झांसे में आकर आशीष राय को उपनिदेशक समझा और टेण्डर के नाम पर कई बार में करोड़ो रूपये दिये। आशीष के साथ मिलकर हम लोगों ने मंजीत को कूटरचित वर्कआर्डर भी दे दिया, जिसके बदले उसको मोटा धन प्राप्त हुआ था। गिरफ्तार अभियुक्तों को थाना हजरतगंज, लखनऊ में पंजीकृत मुकदमा सं0-107/2020 धारा-406, 419, 420, 467,468, 471, 120 बी भा0दवि0 व 7 / 13 भ्रष्टाचार निवारण अधि0 1988 में दाखिल कराया गया है। स्थानीय पुलिस द्वारा घटना की तहकीकात की जा रही है।

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