प्रधानमंत्री ! देश के नाम सम्बोधन, 21वीं सदी हिंदुस्तान की हो, ये हमारा सपना ही नहीं ये हमारी ज़िम्मेदारी है *लाकडाउन04 नये रंगरुप वाला होगा*

नई दिल्ली, 13 मई 2020। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक महामारी “कोरोना संक्रमण “के बीच चौथी बार, कल रात आठ बजे अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार राष्ट्र को सम्बोधित किया।
अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि लाकडाउन-4 बढ़ाने का फैसला देश मे 18 मई से पहले होगा। इसके साथ ही उन्होंने 20 लाख करोड रूपये के आर्थिक पैकैज का भी ऐलान किया।
सभी देशवासियों को आदर पूर्वक नमस्कार,
कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते हुए दुनिया को अब चार महीने से ज्यादा हो रहे हैं। साथियों,एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है,विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं,सारी दुनिया,जिंदगी बचाने की जंग में जुटी है, लेकिन थकना,हारना,टूटना-बिखरना,मानव को मंजूर नहीं है। सतर्क रहते हुए,ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए,अब हमें बचना भी है और
आगे भी बढ़ना है।
जब हम इन दोनों कालखंडो को भारत के नजरिए से देखते हैं तो लगता है कि,21वीं सदी भारत की हो,ये हमारा सपना नहीं,ये हम सभी की जिम्मेदारी है।
विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है- “आत्मनिर्भर भारत”।
भारत जब आत्मनिर्भरता की बात करता है,तो आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता,भारत की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख,सहयोग और शांति की चिंता होती है।जो पृथ्वी को मां मानती हो,वो संस्कृति,वो भारतभूमि, जब आत्मनिर्भर बनती है,तब उससे एक सुखी-समृद्ध विश्व की संभावना भी सुनिश्चित होती है। भारत की प्रगति में तो हमेशा विश्व की प्रगति समाहित रही है,भारत के लक्ष्यों का प्रभाव,भारत के कार्यों का प्रभाव,विश्व कल्याण पर पड़ता है।
एक राष्ट्र के रूप में आज हम एक बहुत ही अहम मोड़ पर खड़े हैं। इतनी बड़ी आपदा,भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है,एक संदेश लेकर आई है,एक अवसर लेकर आई है।
जब कोरोना संकट शुरु हुआ,तब भारत में एक भी पीपीई (PPE) किट नहीं बनती थी।
एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था,आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख पीपीई और2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं। विश्व के सामने भारत का मूलभूत चिंतन,आशा की किरण नजर आता है,भारत की संस्कृति,भारत के संस्कार,उस आत्मनिर्भरता की बात करते हैं,जिसकी आत्मा वसुधैव कुटुंबकम है।
जब भारत खुले में शौच से मुक्त होता है तो दुनिया की तस्वीर बदल जाती है,टीबी हो,कुपोषण हो,पोलियो हो,भारत के अभियानों का असर दुनिया पर पड़ता ही पड़ता है।
इंटरनेशनल सोलर अलायंस,ग्लोबर वॉर्मिंगके खिलाफ भारत की सौगात है,इंटरनेशनल योगा दिवस की पहल,मानव जीवन को तनाव से मुक्ति दिलाने के लिए भारत का उपहार है।
दुनिया को विश्वास होने लगा है कि भारत बहुत अच्छा कर सकता है, मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत कुछ अच्छा दे सकता है।
सवाल यह है -कि आखिर कैसे? इस सवाल का भी उत्तर है- 130 करोड़ देशवासियों का आत्मनिर्भर भारत का संकल्प।आज हमारे पास साधन हैं,हमारे पास सामर्थ्य है,हमारे पास दुनिया का सबसे बेहतरीन टैलेंट है,हम Best Products बनाएंगे, अपनी Quality और बेहतर करेंगे,
सप्लाई चेन को और आधुनिक बनाएंगे,ये हम कर सकते हैं और हम जरूर करेंगे।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट का सामना करते हुए, नए संकल्प के साथ मैं आज एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं। ये आर्थिक पैकेज,’आत्मनिर्भर भारत अभियान’की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा। हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थीं,जो रिजर्व बैंक के फैसले थे और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है, उसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है। ये पैकेज भारत की जीडीपी का करीब-करीब10 प्रतिशत है।यही हम भारतीयों की संकल्पशक्ति है।हम ठान लें तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं,कोई राह मुश्किल नहीं,और आज तो चाह भी है,राह भी है,ये है भारत को आत्मनिर्भर बनाना।
आत्मनिर्भर भारत की ये भव्य इमारत,
पाँच Pillars पर खड़ी होगी।
पहला पिलर Economy -एक ऐसी इकॉनॉमी जो Incremental change नहीं बल्कि Quantum Jump लाए, दूसरा पिलर Infrastructure
एक ऐसा Infrastructureजो आधुनिक भारत की पहचान बने, तीसरा पिलर-हमारा System-
एक ऐसा सिस्टम जो बीती शताब्दी की रीति-नीति नहीं,बल्कि 21वीं सदी के सपनों को साकार करने वाली Technology Driven व्यवस्थाओं पर आधारित हो। चौथा पिलर- हमारी Demography- दुनिया की सबसे बड़ी Democracy में हमारी Vibrant Demography
हमारी ताकत है,आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्रोत है। पाँचवाँ पिलर-Demand-
हमारी अर्थव्यवस्था में डिमांड और सप्लाई चेन का जो चक्र है,जो ताकत है,उसे पूरी क्षमता से इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है।
इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को,आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को,20 लाख करोड़ रुपए का संबल मिलेगा,सपोर्ट मिलेगा। 20 लाख करोड़ रुपए का ये पैकेज, 2020 में देश की विकास यात्रा को,
आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक नई गति देगा।
आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए,इस पैकेज में Land,Labour, Liquidityऔर Laws,सभी पर बल दिया गया है। ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए हैदेश के उस किसान के लिए है,जो हर स्थिति,हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहा है। ये आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है,जो ईमानदारी से टैक्स देता है,देश के विकास में अपना योगदान देता है। आपने भी अनुभव किया है कि बीते 6 वर्षों में जो Reforms हुए,उनके कारण आज संकट के इस समय भी भारत की व्यवस्थाएं अधिक सक्षम,अधिक समर्थ नज़र आईं हैं।अब Reforms के उस दायरे को व्यापक करना है, नई ऊंचाई देनी है। ये रिफॉर्मस खेती से जुड़ी पूरी सप्लाई चेन में होंगे,ताकि किसान भी सशक्त हो और भविष्य में कोरोना जैसे किसी दूसरे संकट में कृषि पर कम से कम असर हो।
साथियों,आत्मनिर्भरता,आत्मबल और आत्मविश्वास से ही संभव है।आत्मनिर्भरता,ग्लोबल सप्लाई चेन में कड़ी स्पर्धा के लिए भी देशको तैयार करती है।
ये संकट इतना बड़ा है,कि बड़ी से बड़ी व्यवस्थाएं हिल गई हैं,लेकिन इन्हीं परिस्थितियों में हमने,देश ने हमारे गरीब भाई-बहनों की संघर्ष-शक्ति,उनकी संयम-शक्ति का भी दर्शन किया है।
आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए ‘वोकल’ बनना है,न सिर्फलोकल Products खरीदने हैं,बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है,मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा देश ऐसा कर सकता है।
लॉकडाउन 4 नये नियमों वाला होगा, लॉकडाउन 4 की जानकारी 18 मई से पहले दी जायेगी। आत्मनिर्भरता हमें सुख और संतोष देने के साथ-साथ सशक्त भी करती है,21वीं सदी,भारत की सदी बनाने का हमारा दायित्व,आत्मनिर्भर भारत के प्रण से ही पूरा होगा।इस दायित्व को 130 करोड़ देशवासियों की प्राणशक्ति से ही ऊर्जा मिलेगी।
आत्मनिर्भर भारत का ये युग,हर भारतवासी के लिए नूतन प्रण भी होगा,नूतन पर्व भी होगा।
अब एक नई प्राणशक्ति, नई संकल्पशक्ति के साथ हमें आगे बढ़ना है।

Visits: 91

Leave a Reply