चक्रवाती तूफान, ओले और बारिश ने तोड़ी किसानों की कमर

गाजीपुर, 13 मार्चक्ष2020। कई दिनों से चल रही बदली, बूंदाबांदी, धूप छांव देख प्राकृतिक आपदा की आशंका से त्रस्त किसानों को अन्ततः भारी कीमत चुकानी पड़ी है। आज अलसुबह आये चक्रवाती तुफान ने किसानों की सारी मेहनत और लेईपूंजी पर पानी फेर दिया। ओलों के साथ तुफानी हवा और बरसात ने ऐसी तबाही मचाई कि लोगों के रोंगटे खड़े हो गये।खेत,खलिहान, घरों की छतों व आंगन सहित सारे खेत ओले से पट गये।
अधिकांश लोग जब नींद की खुमारी में थे,तभी अचानक चक्रवाती तूफान के साथ ओले और फिर मुसलाधार बारिश शुरू हो गई। अधिकांश क्षेत्रों में हुई बारिश के साथ पड़े ओलों ने किसानों की कमर ही तोड़ दी। दलहन,तिलहन सहित गेहूं और जौ की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गयी। खेतों में खड़ी फसलें खेतों में गिर पड़ी और उनपर बर्फ की पर्त जम गयी। अपने फसलों की अच्छी पैदावार देख प्रसन्न हो रहे किसानों पर बज्रपात हो गया। अचानक हुई इस बेमौसम की बरसात से हजारों एकड़ फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। सबेरे सड़कों पर टूटे पेड़, बिजली के टूटे तार और टूटकर गिरे हुए बिजली के खम्भे रात की कहानी को वयां कर यहे हैं। पीड़ित किसानों का कहना है कि निराश्रित छुट्टा गो वंशीय पशुओं की मार से त्रस्त किसानों के उपर प्रकृति की यह मार असहनीय है। छुट्टा पशुओं से दिन-रात खेतों की रखवाली कर उसको बचा कर रखने वाले किसान अब अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं क्योंकि अब तो खेती में लगी उनकी लेईपूंजी नष्ट हो गयी है।
पीड़ित किसानों ने प्रदेश सरकार तथा जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए पीड़ित किसानों को आर्थिक मुआवजा प्रदान करने की मांग की है।
करीमुद्दीनपुर प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र में बुधवार की रात में बरसात से किसान सहमे हुए थे, लेकिन फिर शुक्रवार को सुबह जोरदार बारिश ने किसानों को सोचने को मजबूर कर दिया है । बेमौसम बरसात से दलहनी फसल अरहर, चना,मसूर आदि फसलों को भारी नूकसान है वही गेंहू की फसल की अभी जल्दी ही सिचाई की गई थी लेकिन अब बरसात हो जाने से गेहूं की फसल भी काफी गिर गई है जिससे भारी नुकसान की संभावना है।आम के पेड़ो पर इस साल बौर दिखाई दे रही थी लेकिन बरसात ने उसे भारी नुकसान पहुंचा दिया है। ईंट भट्ठों को भी बरसात से नुकसान पहुँचा है। इसी क्रम में देवरिया निवासी झारखण्डेय राय,लौवाडीह निवासी अमला राय ,जोगमुसहिब निवासी राजेन्द्र राय व शिव बच्चन मिश्र ने बताया कि इस बेमौसम बरसात से करइल इलाके में फसलो को भारी नुकसान पहुंचा है दलहनी फसलों मसूर ,चना ,मटर के लिए मशहूर क्षेत्र में इस वर्ष कई बार बरसात से किसानो की कमर तोड़ दिया है क्योंकि कई सालों से फसल धोखा दे रही है और इस साल भी बरसात गला नही छोड़ रही है। बांगर क्षेत्र में भी दलहनी फसलों के साथ गेंहू पर भी संकट आ गया है और किसानों को आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है। क्षेत्रीय जनता तथा किसानों ने शासन प्रशासन से मुआवजा दिलाने की मांग जनहित में की है।

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