मालवीय जयन्ती ! ससमारोह दी गयी श्रद्धांजलि

गाजीपुर, 25 दिसम्बर 2019। महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जयंती मनिहारी क्षेत्र के पंडित मदन मोहन मालवीय इंटर कॉलेज सिखड़ी में ससमारोह मनायी गयी। समारोह के मुख्य अतिथि मनोज सिन्हा पूर्व रेल राज्यमंत्री एवं दूरसंचार मंत्री स्वतंत्र प्रभार तथा अध्यक्ष विधान परिषद सदस्य केदारनाथ सिंह ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दीप प्रज्वलित कर तथा मां सरस्वती, मालवीय जी तथा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र पर माल्यार्पण कर समारोह का शुभारंभ किया।
मुख्य अतिथि मनोज सिन्हा ने मालवीय जी को युग दृष्टा बताते हुए उनके कृतित्व और व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। कहा कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर देश को प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ाने तक में मालवीय जी का विशेष योगदान रहा। राजनीतिज्ञ, शिक्षक, वकील, पत्रकार, संपादक, स्वतंत्रा सेनानी के रूप में उन्होंने अपना जीवन मां भारती के लिए जिया। उनकी अमर कृत काशी हिंदू विश्वविद्यालय उनके पद चिह्नों पर चलते हुए आज शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर बना हुआ है।उन्होंने कहा की अंग्रेजी हुकूमत के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में उनकी बढ़ती मजबूती को समझते हुए मालवीय जी ने आर्थिक परेशानियों से जूझने के बावजूद बगैर किसी सरकारी सहयोग के विश्वविद्यालय बनाने का सपना देखा और उसे 1916 की बसंत पंचमी के दिन विश्वविद्यालय की स्थापना कर साकार किया। उन्होंने शिक्षा की आवश्यकता को महसूस करते हुए काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग, चिकित्सा, योग ज्ञान विज्ञान, संगीत सहित विभिन्न विधाओं में शिक्षा तथा शोध की अपार संभावनाएं पैदा की। उन्होंने कहा कि आज का दिन हमारे लिए गौरवशाली है क्योंकि आज ही के दिन दो महान विभूतियां भारत पंडित मदन मोहन मालवीय तथा भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की जयंती है। यह अद्भुत संयोग है कि मैं अपनी जन्मभूमि पर दो महापुरुषों भारत महामना पंडित मदन मोहन मालवीय एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई को उनके जन्मदिन पर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हूं । इन दोनों महापुरुषों को मेरी प्रज्ञा व जीवन की दिशा निर्धारण में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।दोनों महापुरुषों ने राष्ट्रीयता को सर्वोपरि मानते हुए अपनी मंजिल स्वयं निर्धारित की और अपना रास्ता भी खुद बनाया। कहा कि दोनों महापुरुषों में काफी समानता रही, दोनों लोगों में मालवीय जी ने राष्ट्रीय चेतना, स्वदेशी मान सम्मान, समाज सुधार में महती भूमिका निभाई तो बाजपेई जी ने राष्ट्रवादी विचारधारा को नया आयाम दिया। वाजपेई जी ने मालवीय जी की परंपरा को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक बदलाव आया है। आज शिक्षकों का कर्तव्य है कि वह छात्रों को चुनौतियों का सामना करने हेतु तैयार करें। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति को रोकना विरोध करना कदाचित ठीक नहीं है और ऐसे लोग देश की प्रगति में बाधक हैं, इनसे सावधान रहने की आवश्यकता है।
इससे पूर्व मुख्य अतिथि द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान बनाने वाले पूर्व शिक्षकों को सम्मानित किया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य पारसनाथ राय द्वारा मुख्य अतिथि तथा अध्यक्ष को स्मृति चिन्ह तथा अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया। अध्यक्ष केदारनाथ सिंह ने अपने संबोधन में मालवीय जी पर प्रकाश डालते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। मालवीय जी की चर्चा करते हुए कहा कि वे सही मायने में महामानव थे।उनकी सोच थी कि आजादी के बाद देश के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा चिकित्सा स्वास्थ्य इंजीनियरिंग तथा शोध के साथ-साथ संस्कारित शिक्षा को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए, जिसके लिए उन्होंने कार्य किया और बीएचयू की स्थापना कर आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने देशवासियों से राष्ट्र के प्रति समर्पित होकर देश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने का आह्वान किया। समारोह में छात्र छात्राओं द्वारा ज्ञानवर्धक रंगारंग सास्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। इसमें गीत,नृत्य, एकांकी, कौव्वाली तथा देशरक्षा के कार्यक्रम सराहनीय रहे।
समारोह में मुख्य विकास अधिकारी मुकेश चौरसिया, भानु प्रताप सिंह, विजयशंकर राय, प्रभुनाथ चौहान, शारदानंद राय, मनोज सिंह,नीरज जायसवाल, दयाशंकर सिंह, दुर्गेश सिंह, कपिलदेव राय, संपूर्णानंद, अशोक पांडेय, जगदीश सिंह, मुकेश सिंह, ओमप्रकाश यादव, अनिल कुमार पांडेय, पुष्पा पाठक,अभिनव सिंह, लालजी यादव, नरेंद्र मौर्या, राकेश तिवारी, शिवशंकर यादव, राहुल यादव, दीपक श्रीवास्तव, रामनरेश कुशवाहा, कार्तिक गुप्ता सहित अनेकों विद्यालयों महाविद्यालयों के प्रबंधक, प्रधानाचार्य, अभिभावकगण तथा छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। आभार ज्ञापन प्रधानाचार्य पारसनाथ राय तथा संचालन गौरी शंकर पांडेय ने किया।

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