सरसी छंद (गुरु महिमा)
सरसी छंद (गुरु महिमा)
सबक सीखने के लिए आओ,कभी हमारे पास
मन से जो भी सबक सीखता, उसका है कल्याण।
घूम घूम हमें शिक्षित करते, करते हैं उपकार
चरण पखारें यदि हम उनका तब भी होत न मान।
हमें सिखाते मान बढ़ाते , करते हैं तैयार
नमन करें ऐसे गुरुवर को, करते बेड़ा पार।
ज्ञान का भंडार हैं वह तो, करते नहीं गुमान
सीख सिखाते ज्ञान बांटते, करते सृजन महान।
करें नमन जो ऐसे गुरु को, महिमा करें बखान
मिलती सदा सफलता उसको, होत न मन हलकान।
रचनाकार - अशोक राय वत्स
रैनी ( मऊ) उत्तरप्रदेश
मो. नं.8619668341
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