रचना – होली विशेष

कोई मौन हो काम कर रहा
कोई करे प्रलाप।
जिसने अबतक देश है लूटा,
मांग रहा हिसाब
जोगीरा सा रा रा रा।
मजहब के नाम पर लूटा पैंसठ साल
हमने जब मजहब पूछा तो कहा , सब है बकवास।
जोगीरा सा रा रा रा
राम नाम को झुठलाया
कहा काल्पनिक पात्र
नाम उन्हीं का लेकर देखो
मांग रहा अब वोट
जोगीरा सा रा रा रा
सड जी अनशन पर बैठ,
देते थे नित उपदेश।
जिसको भ्रष्टाचारी बोले
करे उसी से मेल।
ऐसे लोगों के कारण ही
हो गई दिल्ली बेमेल
जोगीरा सा रा रा रा

रचनाकार – अशोक राय वत्स
रैनी (मऊ) उत्तरप्रदेश मो. 8619668341

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