“आज आंकड़ा तीन सौ के पार गया”

पुलवामा में आतंकियों द्वारा हमारे जवानों पर की गयी कायराना हरकत पर आज वायु सेना के जावाजों की कार्यवाही पर पूरा देश खुशियां मना रहा है। इसी क्रम में एक युवा कवि ने अपने उद्गार व्यक्त किया है –

“आज आंकड़ा तीन सौ के पार गया”

छप्पन इंची सीने का यदि हाल देखना है तुमको।
पाकिस्तान चले जाओ कोहराम बताएगा तुमको।।
जिसने धोखे से मारा था ,वह पीठ दिखा कर भाग गया।
चालीस के बदले, आज आंकड़ा तीन सौ के पार गया।।

जो धोखा देने वाला था,वह गीदड़ बन कर बैठा है।
लम्बी बातें करने वाला, निज प्राण बचाने बैठा है।।
देखो बहनों देखो भाई, वह कायर कैसे दुबका है।
पुलवामा देने वाला आज, घुटनों के बल बैठा है।।

यदि मिग विमान की ताकत ने, छुपने को उसे मजबूर किया।
सोचो उस दिन क्या होगा जब, अग्नि से हमने वार किया।
ना पाक रहेगा धरती पर,ना आतंकी पैदा होगा।
ना एक बचेगा तर्पण को, यदि हमने मन में ठान लिया।।

इस सिंहों की धरती से मैं,ललकार जगाने आया हूँ।
भारत के पी एम मोदी का, आभार जताने आया हूँ।।
भारत माँ के हर आँसू का, बदला अभी हमें चुकाना है।
माँ भारती के लाल को , यह संदेशा देने आया हूँ।।

अभी तो यह अंगड़ाई है,आगे अभी और लड़ाई है।
भारत की जनता ने मोदी को, जीत दिलाने की ठानी है।।
आगे आओ प्रण साधें हम, मजबूत हमें उसे करना है।
मोदी को फिर से पी एम की शपथ दिलाने की ठानी है।।
रचना – अशोक राय वत्स
रैनी, मऊ (उत्तरप्रदेश ) मो.नं. 8619668341

Views: 75

Leave a Reply