होम्योपैथी ! राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग विधेयक रास में पेश

नयी दिल्ली, 08 जनवरी 2019। होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की शिक्षा, व्यवसाय एवं चिकित्सा संस्थानों के नियमन एवं विकास के लिए राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग गठित करने के प्रावधान वाला एक विधेयक कल राज्यसभा में आयुष मंत्री ने श्रीपाद यसो नाइक ने पेश किया।
विधेयक के उद्देश्यों और कारणों में कहा गया है कि केंद्र ने 2016 में 1970 के भारतीय आयुर्विज्ञान केंद्रीय परिषद कानून की समीक्षा के लिए नीति आयोग के उपाध्यक्ष की अगुवाई में एक समिति गठित की थी जिसने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक 2018 के अनुरूप ही राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग विधेयक लाने की सिफारिश की थी। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक लोकसभा में पेश हो चुका है।
इस होम्योपैथी आयोग विधेयक में होम्योपैथी की शिक्षा, चिकित्सा पेशा एवं चिकित्सा संस्थानों से जुड़े विभिन्न पहलुओं के विकास एवं नियमन के लिए एक राष्ट्रीय आयोग गठित करने तथा आयोग को सलाह देने के लिए एक परामर्श परिषद गठित करने के साथ ही साथ तीन स्वायत्त बोर्ड गठित करने का भी प्रावधान है। पहला बोर्ड होम्योपैथी शिक्षा बोर्ड होगा जो स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर होम्योपैथी की शिक्षा का नियमन करेगा और इसके मानक तय करेगा। दूसरा बोर्ड होम्योपैथी के लिए चिकित्सा आकलन एवं रेटिंग बोर्ड होगा जो चिकित्सा संस्थानों का मुआयना और उनका आकलन करेगा।
तीसरा बोर्ड होम्योपैथी की नैतिकता एवं पंजीकरण से संबंधित होगा। यह बोर्ड होम्योपैथी से उपचार करने वाले सभी पेशेवरों के लिए एक राष्ट्रीय पंजी (रजिस्टर) रखेगा तथा पेशेवरों के लिए नैतिक मानक तय करेगा।
इस विधेयक के तहत होम्योपैथी की स्नातक एवं परा स्नातक शिक्षा के लिए एक समान राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा अलग अलग आयोजित की जाएगी। होम्योपैथी के चिकित्सा पेशेवरों को लाइसेंस प्रदान करने के लिए एक राष्ट्रीय परीक्षा आयोजित करने का भी प्रावधान है। विधेयक में होम्योपैथी के अध्यापकों की नियुक्ति के लिए भी इसी तरह राष्ट्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा आयोजित करने का प्रावधान किया गया है।

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