स्मरणीय ! पोर्ट ब्लेयर में पीएम ने फहराया ध्वज, नेताजी की याद में बदले द्वीपों के नाम

नई दिल्ली,30 दिसम्बर 2018। नेताजी सुभाषचंद्र बोस द्वारा 75 वर्ष पूर्व 1943 में आज ही के दिन अंडमान-निकोबार में तिरंगा फहराने की अमर स्मृतियों को ताजा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पोर्ट ब्‍लेयर में नेताजी स्‍टेडियम में आज उनकी याद में वहां 150 फीट ऊंचा ध्वज फहराकर उन्हें नमन किया। उन्होंने रॉस द्वीप को नेताजी सुभाष चंद्र द्वीप,नील द्वीप को शहीद द्वीप तथा हैवलॉक द्वीप को स्वराज द्वीप का नाम देते हुए कहा कि आज़ाद हिंद सरकार के पहले प्रधानमंत्री सुभाष बाबू ने अंडमान की इस धरती को भारत की आज़ादी की संकल्प भूमि बनाया था। आजादी के नायक हमेशा अमर रहेंगे और जब आज़ादी के नायकों की बात होती है तो नेताजी सुभाषचंद्र बोस का नाम हमें रोमांचित कर देता है। जिन्होंने अंग्रेजों को मुंहतोड़ जवाब दिया। आज मुझे प्रसन्नता है कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत को लेकर नेताजी की भावनाओं को 130 करोड़ भारतवासी एक करने में जुटे हैं। उस महापुरुष की समृतियों के साथ हम अंडमान के कोने-कोने में विकास की लहर फैलायेंगे।
ज्ञातव्य है कि “तुम मुझे खुन दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा” का उद्घोष कर ब्रितानियों के दिल में भारतीयों का खौफ पैदा करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 30 दिसंबर, 1943 को पोर्ट ब्लेयर में तत्कालीन जिमखाना ग्राउंड (अब नेताजी स्टेडियम) में राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर घोषणा की थी कि अंडमान और निकोबार द्वीप स्वतंत्र होने वाला पहला भारतीय क्षेत्र है।
ज्ञातव्य है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानियों ने द्वीप को अपने कब्जे में कर लिया था। उन्होंने अंडमान द्वीप को शहीद और निकोबार द्वीप को स्वराज नाम दिया और इंडियन नेशनल आर्मी (आईएनए) के जनरल ए डी लोगनाथन को इसका गवर्नर भी नियुक्त किया था।

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