राम केवट संवाद संग मनी रामलीला

गाजीपुर(उत्तर प्रदेश), 12अक्टुबर 2018। अति प्राचीन रामलीला कमेटी हरिशंकरी के तत्वाधान में बन्दे वाणी विनायकौ आदर्श रामलीला मण्डल के कालाकारों द्वारा स्थानीय बाबा पहाड़ खां पोखरा पर श्री रामकेवट संवाद, घरनैल द्वारा सुरसरी पार जाने से सम्बन्धित लीला का मंचन किया गया। प्रथम बार तमसा नदी के तट पर विश्राम करने के पश्चात् श्रींगवेरपुर पहुचकर वहा के राजा निषाद राज से मिलकर गंगा पार जाने हेतु नाव की व्यवस्था को कहते हैं। बावजूद इसके केवट उनकी बातों को अनसुनी करता है। बाद में श्रीराम केवट का निहोरा करते हुए नाव मांगते है। केवट ने कहा कि प्रभु आपके मर्म को मैं जानता हूं एक बार आप विश्वामित्र ऋषि के यज्ञ के रक्षा के लिए उनके आश्रम जा रहे थे तो रास्ते में एक शिला मिली। गुरू विश्वामित्र के आदेश पर आपने उस शिला को अपने पैर से स्पर्श करके नारी रूप् में परिवर्तित कर दिया था । भगवन पहले मैं आपका पैर धोऊँगा। बाद में आपको नाव पर बैठाकर गंगा पार कराउंगा। तब श्रीराम ने केवट से कहा कि हे केवट जो तुमको कराना है, जल्दी से करो। विलम्ब न करो क्यों कि मुझे गंगा पार करके वन में जाना है। केवट श्रीराम के बात को सुनकर तुरन्त कठौता में पानी भरकर ले आया और बड़े आनन्द के साथ प्रभु श्रीराम का चरण प्रखार कर अपने आपको धन्य बनाया। इसके बाद केवट ने प्रभु श्रीराम, सीता, लक्ष्मण व निषाद राज को गंगा पार उतारा। श्रीराम ने केवट को उतराई स्वरूप अंगूठी देने लगे तो केवट ने कहा अब कछुनाथ न चाहिअ मोरे दीन दयाल अनुग्रह तोरे इसके बाद केवट कहता है फिरती बार मोहि जो देवा सो प्रसाद मैं सिर धरि लेवा इतना सुनने के बाद प्रभु श्रीराम केवट को अविरल भक्ति प्रदान करके आगे चल देते हैं । रामलीला के इस मंचन में केवट की भूमिका में विजय राम, लक्ष्मण- शिवा, सीता- गोलू, निषाद राज -उमाकान्त, सुमन्त – मुन्नन तिवारी, व्यास- जयनरायन त्रिवेदी उर्फ मुन्ना, नाल, पवन, आर्गन, संदीप, संगत में मस्त राम आदि ने जीवन्त मंचन किया । इस मौके पर कमेटी के अध्यक्ष दीनानाथ गुप्ता, उपाध्यक्ष विनय कुमार सिंह, मंत्री ओमप्रकाश तिवारी उर्फ बच्चा, उपमंत्री पं0 लवकुमार त्रिवेदी उर्फ बड़े महाराज, प्रबन्धक दीरेष राम वर्मा, उपप्रबंधक शिवपूजन तिवारी, राजकुमार शर्मा, राम सिंह यादव, पं0 बालगोविन्द त्रिवेदी सहित हजारों लोग मौजूद रहे।

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