आरटीआई! मांगी गयी सूचना देना आवश्यक – राज्य सूचना आयुक्त

गाजीपुर (उत्तर प्रदेश),11 अगस्त 2018। जिला पंचायत सभागार में राज्य सूचना आयुक्त पारसनाथ गुप्ता ने आज जनपद के
सभी ब्लाक के खण्ड विकास अधिकारी, सचिव एवं ग्राम विकास अधिकारी के साथ बैठक कर विस्तृत जानकारी दी।
जिला विकास अधिकारी द्वारा आयोजित बैठक मेें माननीय राज्य सूचना आयुक्त का स्वागत जिला पंचायत राज अधिकारी ने किया। राज्य सूचना आयुक्त ने ब्लाक के अधिकारियों व कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सूचना आयोग से जितने भी प्रकरण मांगे जाते हैं ,उसकी पहली अपील पर कार्यवाही नही की जाती हैं सूचना देने वाला भी समय पर नही दे पाता इसे मात्र लापरवाही ही माना जायेगा और उसके उपर भी कार्यवाही की जायेगी।
कहा कि सबसे ज्यादा प्रकरण ग्राम पंचायत का होता है और सूचना देने वाला पटल सहायक सूचना देने में आनाकानी करता है। इस सम्बन्ध मे सूचना आयुक्त द्वारा सख्त निर्देश दिये गये कि सम्बन्धित पत्रावली जिस कर्मचारी के पास होगी उसी की जिम्मेदारी तय की जायेगाी। इस प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए उन्होने कहा कि सभी कर्मचारी के पास सम्बन्धित अभिलेख उपलब्ध होगा उसको जबाब देना होगा। सूचना मांगने वाले व्यक्ति को निर्धारित अवधि के अन्दर जबाब न उपलब्ध कराने पर उसके उपर जुर्माना के तौर पर अर्थदण्ड लगाने की प्रक्रिया है और एफ.आई.आर भी दर्ज कराया जा सकता है। सूचना मांगने वाले आवेदन कर्ता को एक सप्ताह के अन्दर इस बात की भी सूचना देना होगा कि उक्त सूचना देने में असमर्थ हूं या सूचना इस विभाग से सम्बन्धित नही है। सूचना मांगने पर सूचना न देने वाले पर धारा -20 के अन्तर्गत आपत्ति मानी जायेगी और उसके उपर कठोर कार्यवाही का प्राविधान भी है।उन्होने ने सभी ग्राम पंचायत एवं ब्लाक स्तर के अधिकारी को निर्देशित किया है कि ब्लाक स्तर पर जन सूचना का बोर्ड अवश्य लगाये और जो भी कर्मचारी जनसूचना का कार्य देख रहा हो उसका प्रथम दायित्व है कि जिसने सूचना मांगा और जिसको सूचना चाहिए उसका एक रजिस्टर बनाया जाय।उन्होंने जिला विकास अधिकारी को निर्देश दिया कि जन सूचना के प्रकरण मे युद्ध स्तर पर कार्यवाही किया जाय। सूचना देने वाला तिथि, समय व पत्रावली का विशेष ध्यान दिया जाए ।

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