मधुमेह से बचाव हेतु जागरुकता आवश्यक
गाजीपुर। विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर डायबिटीज अवेयरनेस प्रोग्राम का आयोजन राजकीय होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज, गाजीपुर में गुरुवार को सम्पन्न हुआ। कम्युनिटी मेडिसिन विभाग द्वारा आयोजित इस वर्ष का विषय “बाधाओं को तोड़ना, अंतरालों को पाटना” रहा। यह जागरूकता कार्यक्रम मधुमेह के जोखिम को कम करने तथा यह सुनिश्चित करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालता है कि इस रोग से पीड़ित प्रत्येक व्यक्ति को समान, संपूर्ण, उचित मूल्य वाली तथा उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल उपलब्ध हो। प्राचार्य प्रो. डॉ. राजेंद्र सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने डायबिटीज पर व्यापक चर्चा की। बताया गया कि विश्व मधुमेह दिवस प्रतिवर्ष 14 नवंबर को इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन सर फ्रेडरिक बैंटिंग का जन्मदिन है, जिन्होंने 1922 में चार्ल्स बेस्ट के साथ मिलकर इंसुलिन की खोज की थी। यही इंसुलिन मधुमेह के नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।इस सम्बन्ध में प्राणेश कुमार सिंह ने विस्तृत जानकारी दी। बताते चलें कि जब शरीर में एकत्रित शर्करा (ग्लूकोज) की मात्रा असामान्य रूप से बढ़ जाती है और इंसुलिन के अभाव में शारीरिक कोशिकाएं उसका उपयोग नहीं कर पातीं तो वह रक्त में जमा होने लगता है। रक्त में असामान्य रूप से शर्करा की मात्रा के बढ़ने की बीमारी को ही मधुमेह या डायबिटीज के नाम से जाना जाता है। आज की आधुनिक जीवन शैली, अनियमित दिनचर्या, तनाव तथा शारीरिक श्रम की कमी इस रोग को बढ़ाने में असरदार साबित होते हैं। प्राचार्य प्रो राजेंद्र सिंह ने आज विश्व में बढ़ रहे मधुमेह के रोगियों पर चिंता जताई। उन्होंने मधुमेह से स्वयं तथा पूरे समाज को बचाने के लिए शरीर के हिसाब से संतुलित और सुपाच्य आहार ग्रहण करने, नियमित दिनचर्या के साथ योग व शारीरिक श्रम की आवश्यकता पर बल दिया। इस अवसर पर प्रो. सुबोध त्रिपाठी, जे पी प्रजापति, डॉ सेंगर, डॉ बांके लाल, डॉ राहुल उपस्थित रहे।
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